मुद्रास्फीति की ऊंची दरों के चलते अब डीजल के दाम बढ़ाने का फैसला अगले वित्त वर्ष तक टाला जा सकता है। यह कहना है कि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन सी रंगराजन का। उन्होंने समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट को बताया कि, “शायद मार्च 2011 तक अगर मुद्रास्फीति की दर 6 फीसदी के आसपास आ जाती है तो उस वक्त संभवतः डीजल के मूल्यों को बढ़ाया जा सकता है।” पिछले हफ्ते इस मुद्दे पर वित्त मंत्रीऔरऔर भी

खुद वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अब स्वीकार कर लिया है कि पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार माल व सेवा कर (जीएसटी) को 1 अप्रैल 2011 से लागू करना संभव नहीं है। उन्होंने बुधवार को मुंबई में इनकम टैक्स, कस्टम्स व सेंट्रल एक्साइज के चीफ कमिश्नरों और कमिश्नरों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “मैंने अपनी तरफ से जीएसटी के लिए संविधान संशोधन विधेयक को संसद के मानसून सत्र में लाने की हरसंभव कोशिश की। आपऔरऔर भी

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी संभवतः अगले हफ्ते बुधवार, 18 अगस्त को माल व सेवा कर (जीएसटी) के लिए तैयार किए जा रहे संविधान संशोधन के नए मसौदे पर राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकारप्राप्त समिति के साथ बैठक करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने समाचार एजेंसी को बताया कि संशोधित मसौदे में जीएसटी परिषद का ढांचा बदल दिया जाएगा। पिछले मसौदे को देखने के बाद राज्यों ने आपत्ति जताई दी थी कि इसमें केंद्रीय वित्त मंत्री को कराधान केऔरऔर भी

एक तरफ वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी बुधवार को लोकसभा में पक्ष-विपक्ष के सांसदों को समझा रहे थे कि जीएसटी (माल व सेवा कर) के आने से किस तरह पेट्रोलियम पर ज्यादा कराधान से लेकर आम आदमी को परेशान कर रही महंगाई तक की समस्या हल हो जाएगी, वहीं दूसरी तरफ राजधानी में ही राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकारप्राप्त समिति ने अपनी बैठक के बाद जीएसटी से जुडे संविधान संशोधन विधेयक के मौजूदा प्रारूप को खारिज करऔरऔर भी

देश में 1 अप्रैल 2011 से लागू होने जा रही माल व सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली में केंद्र सरकार पहले साल टैक्स की रियायती दर 6 फीसदी रखेगी। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को राजधानी दिल्ली में राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकारसंपन्न समिति की बैठक में यह बात कही। उनका कहना था कि 2011-12 में केंद्रीय जीएसटी की दर माल के लिए 6 फीसदी और मानक दर 10 फीसदी रहेगी। सेवाओं पर यह टैक्स 8औरऔर भी