शेयर, कमोडिटी या फॉरेक्स बाज़ार में ट्रेडिंग करना बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के ट्रेजरी विभाग के लिए बड़ा व्यवस्थित काम है। लेकिन किसी भी व्यक्ति के लिए ट्रेडिंग तने हुए रस्से पर चलने जैसा है। ज़रा-सा चूके तो गए नीचे। इस तनाव से निजात पानी है तो सेफ्टीनेट के बगैर काम नहीं चल सकता। तब लड़खड़ा कर गिरे भी तो यह नेट आपको बचा लेगा। खतरा कम, हड्डी-पसली सलामत। अब रुख करते हैं आज के बाज़ार का…औरऔर भी

ट्रेडिंग कोई सीधा-सरल सहज नहीं, बल्कि जटिल खेल है। अनिश्चितता की भंवर में आपको फैसला करना होता है। फैसला इस आधार पर कि पल-पल बदलते भावों का पैटर्न क्या है? यह समझ कि भीड़ का झुकाव ठीक इस वक्त किधर है? तेजी और मंदी के खेमे में किसका पलड़ा भारी है? पूंजी बड़ी हो तो खरीदने-बेचने के सौदे साथ कर सकते हैं। लेकिन कम पूंजी में ऐसा मुमकिन नहीं। चलिए करें इस जटिलता को सुलझाने का अभ्यास…औरऔर भी

अनाड़ी ट्रेडर जहां-तहां मुंह मारते हैं। वहीं प्रोफेशनल ट्रेडर एक ही बाज़ार में महीनों डटे रहते हैं। प्रोफेशनल एक खास तरीके पर महारत हासिल करते हैं। बहुत-से लोग उनकी ट्रेडिंग का पैटर्न देखकर भी सीखते हैं। लेकिन हर हाल में आपको अपना सौदा तथ्यों और संभावनाओं पर टिकाना होता है, न कि ‘गट-फीलिंग’ या उम्मीद पर। सही उत्तर अपनी रिसर्च से तलाशे जाते हैं। तभी आप में ट्रेडिंग का आत्मविश्वास बनेगा। इसी कड़ी में बढ़ते हैं आगे…औरऔर भी