सब्जियों के थोक भाव में कमी के चलते 10 जुलाई को खत्म सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति की दर 12.47 फीसदी रही है। यह एक सप्ताह पहले से 0.34 फीसदी कम है। सब्जियों में विशेष गिरावट आलू और प्याज के दामों में आई है। आलू साल भर पहले की तुलना में 45 फीसदी से ज्यादा और प्याज लगभग 8 फीसदी सस्ती हुई है। कुल मिलाकर सब्जियों के दाम साल भर पहले की तुलना में 9.92 फीसदी गिरे हैं।औरऔर भी

भारत बंद की व्यापक सफलता के बीच सरकार के आला अधिकारी मुद्रास्फीति पर जल्द ही काबू पा लेने का दावा कर रहे हैं। पहले योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोटेंक सिंह आहलूवालिया ने ऐसी बात कही। उसके बाद वित्त सचिव अशोक चावला ने कहा कि खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति कुछ महीनों के भीतर 5-6 फीसदी के स्वीकार्य स्तर पर आ जाएगी। अशोक चावला ने सोंमवार को राजधानी में राज्य राजमार्गों पर आयोजित एक सम्मेलन के दौरान अलग सेऔरऔर भी

सरकार के लिए बड़े सुकून की बात है खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति 19 जून को खत्म सप्ताह में तेजी से घटकर 12.92 फीसदी पर आ गई है। इससे पिछले हफ्ते में यह 16.90 फीसदी थी। इस कमी की वजह अनाज और सब्जियों के थोक मूल्यों का घटना है। एक साल पहले की तुलना में आलू के दाम 39.61 फीसदी और प्याज के दाम 7.36 फीसदी घटे हैं। दालों के थोक भाव सालाना आधार पर 31.57 फीसदी ज्यादाऔरऔर भी

सरकार द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति दर 15 मई को खत्म हफ्ते में 16.23 फीसदी रही है। इससे ठीक पहले के हफ्ते में यह 16. 49 फीसदी थी। इस गिरावट की मुख्य वजह मसूर, फल व सब्जियों के थोक भाव में आई कमी है। जहां मसूर के भाव में 4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, वहीं फल व सब्जियों के भाव में 2 फीसदी और अनाज व दाल की कीमत मेंऔरऔर भी