संख्याएं, गणनाएं और सिद्धांत मानव जाति से अपनी सुविधा के लिए बनाए हैं। इनसे सच को कुछ हद तक समझा जा सकता है, उस पर सवारी नहीं गांठी जा सकती। इसलिए कुछ लोग अगर फिबोनाच्ची संख्याओं और इलियट-वेव सिद्धांत का भौकाल बनाकर 61.8%, 38.2% या 23.6% वापसी की बात करते हैं तो वे या खुद मूर्ख हैं या आपको मूर्ख बना रहे हैं। भाव डिमांड और सप्लाई के हिसाब से ही चलते हैं। अब आज का बाज़ार…औरऔर भी

जो लोग अपनी बचत को महंगाई की मार से बचाने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट, सोना या रीयल एस्टेट के अलावा म्यूचुअल फंड व शेयरों में लगाते हैं, वे पक्के निवेशक हैं और उन पर इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता कि शेयर बाज़ार कब, कैसे, कहां दिशा बदलनेवाला है। लेकिन जो लोग हर महीने का खर्च जुटाने के लिए शॉर्ट-टर्म ट्रेडर हैं या पांच-दस साल के बड़े टाइमफ्रेम में दौलत जुटाने में लगे लांग-टर्म ट्रेडर हैं, उनकेऔरऔर भी