वैश्विक कृषि उत्पादन की वृद्धि दर पिछले दशक के 2.6 फीसदी के मुकाबले चालू दशक में घटकर 1.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। तिलहन व अनाज के उत्पादन में कमी के चलते वैश्विक खाद्यान्न उत्पादन घटने की आशंका है। आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) और खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा जारी एक संयुक्त कृषि परिदृश्य के मुताबिक, अल्पकाल में हालांकि कृषि उत्पादन बढ़ेगा। ओईसीडी-एफएओ की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘वैश्विक कृषि उत्पादनऔरऔर भी

खाद्य पदार्थों की बढ़ती महंगाई पर हायतौबा मची हुई है। कई विद्वान कहते फिर रहे हैं कि सरकार को आयात के जरिए इस महंगाई पर काबू पाना चाहिए। लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक से टो-टूक शब्दों में कह दिया है कि ऐसा करना संभव नहीं है क्योंकि दूसरे देशों में खाद्य पदार्थों की कीमतें हम से ज्यादा बढ़ी हैं। आज पेश की गई मौदिक्र नीति की तीसरी तिमाही की समीक्षा में रिजर्व बैंक के गवर्नर डॉ. डी सुब्बारावऔरऔर भी