यूं तो संसद में पेश किया गया कटौती प्रस्ताव सरकार के लिए काफी खतरनाक माना जाता है क्योंकि इसके पारित होने पर सरकार गिर सकती है। इसे अनुदान मांगों या किसी प्रस्ताव के खिलाफ विपक्ष द्वारा पेश किया जाता है। लेकिन इसकी कामयाबी का सारा दारोमदार लोकसभाध्यक्ष पर है। अगर उन्होंने कटौती प्रस्ताव पर सदन में मतदान की इजाजत नहीं दी तो मूल प्रस्ताव या अनुदान मांगों को ही पारित मान लिया जाता है। मान लिया जाताऔरऔर भी

आज संसद के भीतर और बाहर हंगामे का दिन है। लेफ्ट समेत 13 राजनीतिक पार्टियों से आज महंगाई के खिलाफ भारत बंद बुला रखा है। साथ ही वे संसद के भीतर पेट्रोल, डीजल व उर्वरक की बढ़ाई गई कीमतों को वापस लेने के लिए सरकार के खिलाफ कटौती प्रस्ताव या कट मोशन भी पेश करेंगी। कटौती प्रस्ताव की खासियत यह है कि अगर यह पारित हो गया तो सरकार गिर जाएगी। लेकिन ऐन वक्त पर यूपीए सरकारऔरऔर भी