कल शाम एक समझदार और अपेक्षाकृत ईमानदार ब्रोकर (क्योंकि ज्यादातर ब्रोकर केवल अपने धंधे के प्रति ईमानदार होते हैं, हमारे प्रति नहीं) से बात हो रही है। उनका कहना था कि हर समय हर किसी के लिए ट्रेड करने का नहीं होता। जैसे, इस समय जितनी वोलैटिलिटी चल रही है, निफ्टी दिन में अक्सर 200-250 अंक ऊपर नीचे होने लगा है, उसे देखते हुए हमें मैदान बड़ों के लिए छोड़ देना चाहिए। नहीं तो हम पिस जाएंगेऔरऔर भी

की-बोर्ड से नज़र उठाकर ज़रा सोचिए कि आप शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग इसलिए करना चाहते हैं ताकि नोट कमा सकें। लेकिन इसके लिए ट्रेड करने का हुनर सीखना पड़ेगा। तो, नोट कमाना पहले या सीखना पहले? हमारा ही नहीं, सारे अनुभवी लोगों को मानना है कि जल्दी-जल्दी नोट बनाने के चक्कर में पड़े तो मुंह की खाएंगे। ट्रेडिंग की बारीकियां समझ लें, नोट अपने-आप आने लगेंगे। छोटे ट्रेड से बड़ी सीख। परखें कुछ ऐसे ही छोटे ट्रेड…औरऔर भी

जो चीज़ खुदा-न-खास्ता अपनी हो गई, उसे हम कभी फेंक नहीं पाते। पुरानी मशीनें, जूते, कपड़े, बच्चों के खिलौने और न जाने क्या-क्या कहीं कोने-अंतरे में सहेजकर रखते हैं। असल में यह मालिकाने की मानसिक ग्रंथि है, मोह है, जिसे निकालना जरूरी है। इसलिए ट्रेडिंग के लिए कोई शेयर खरीदने से पहले तय कर लें कि कहां निकलना है। नहीं तो लेने के बाद वो गले की हड्डी बन जाएगा। अब बाज़ार की दशा-दिशा और ट्रेडिंग टिप्स…औरऔर भी