स्पाइसजेट, देश की सस्ती विमान सेवा कंपनी। हवाई यात्राओं के बाजार में 13.6 फीसदी हिस्सेदारी, लेकिन गुड़गांव के राकेश अग्रवाल व राहुल भाटिया की कंपनी इंडिगो एयरलाइंस के 19.7 फीसदी हिस्से से कम। स्पाइसजेट के पास 29 बोइंग-737 एयरक्राफ्ट हैं जो 23 शहरों में हर दिन कुल 192 उड़ाने भरते हैं। वह 11 बॉम्बार्डियर क्यू-400 एयरक्राफ्ट खरीदने वाली है और एक बोइंड 737 लीज पर लेगी, जिसके बाद उसके बेड़े में 43 एयरक्राफ्ट हो जाएंगे। कंपनी इसीऔरऔर भी

अपैल खत्म, मई आ गया। अप्रैल में तो शेयर बाजार कंपनियों के नतीजों के हिसाब से डोलता रहा। जिन कंपनियों ने उम्मीद से बेहतर नतीजे घोषित किए, उनके शेयर ठीकठाक चले, जबकि जो कंपनियां बाजार की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरीं, उनके शेयरों को तोड़ दिया गया। इनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, इनफोसिस व सेल जैसी कंपनियां शामिल हैं। ऐसा होना एकदम स्वाभाविक था। इसलिए इसमें किसी अचंभे की बात नहीं है। वैसे, अभी अगले दो हफ्ते तक मिडऔरऔर भी

बाजार में अभी चली गिरावट का माहौल बहुत सारी वजहों ने बनाया था। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला, राष्ट्रमंडल खेलों का भ्रष्टाचार, संसद में गतिरोध, कोरिया का झगड़ा, आयरलैंड का ऋण संकट और इसके ऊपर से रीयल्टी सेक्टर को लोन देने में बैंकों व वित्तीय संस्थाओं के आला अफसरों की घूसखोरी। लेकिन मुझे लगता है कि बाजार इन मसलों को लेकर कुछ ज्यादा ही बिदक गया। वैसे, अच्छी बात यह है कि ज्यादा धन या लिक्विडिटी के प्रवाह केऔरऔर भी

इस साल जनवरी में जिसने भी जयप्रकाश एसोसिएट्स का शेयर 160-165 रुपए के भाव पर खरीदा होगा, वह इस समय वाकई दुखी होगा। उसका दुख स्वाभाविक है कि क्योंकि यह शेयर 1 सितंबर 2010 को अपने 52 हफ्ते के न्यूनतम स्तर 107.65 रुपए पर आ चुका है। इस तरह यह शेयर अब तक 35 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है, जबकि इसी दौरान बीएसई सेंसेक्स 4.5 फीसदी बढ़ा है। जिसने यह शेयर पिछले साल अक्टूबर में 180औरऔर भी

बाजार में सरकारी कंपनी गैल इंडिया के शेयरों में जमकर सौदे हो रहे हैं। कारोबार के पहले घंटे में ही एनएसई में इसके 6.20 लाख और बीएसई में 67 हजार शेयरों के सौदे हुए हैं। आज शेयर में खास उठान अभी तक नहीं दिखी है। पहले अनुमान था कि आज यह शेयर बढ़कर 420 रुपए के आसपास खुलेगा। मंगलवार को बीएसई में यह 411.10 रुपए और एनएसई में 410.95 रुपए पर बंद हुआ था। लेकिन फिलहाल इसकेऔरऔर भी

हमारा मानना था कि निफ्टी आज उठेगा। पर ऐसा हुआ नहीं। हालांकि इसमें गिरावट भी नहीं आई। असल में बाजार ए ग्रुप के ऑटो, मेटल व बैंकिंग शेयरों में ओवरबॉट की स्थिति में आता जा रहा है यानी इनमें काफी खरीद हो चुकी है, जबकि रीयल्टी व इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों के शेयरों में खरीद का स्तर काफी कम है। हमने बजट के फौरन बाद कह दिया था कि रीयल्टी व इंफ्रा कंपनियों पर सर्विस टैक्स का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।औरऔर भी