स्टील बनाने का मुख्य कच्चा माल आइरन ओर है। लेकिन देश में स्टील का उत्पादन मांग से कम होने के बावजूद हम आइरन ओर का जमकर निर्यात करते हैं। यहां तक कि भारत दुनिया में आइरन ओर का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है। इस्पात मंत्रालय की तरफ से दी गई अद्यतन जानकारी के अनुसार अप्रैल-दिसम्‍बर 2010 के दौरान देश में 464.40 लाख टन स्टील घरेलू इस्‍तेमाल के लिए उपलब्‍ध था, जबकि इसकी मांग 518 लाख टनऔरऔर भी

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनएमडीसी जनवरी-मार्च तिमाही में लौह अयस्क (आइरन ओर) की कीमतों में तीन फीसदी तक की बढ़ोतरी कर सकती है। इससे जेएसडब्ल्यू, एस्सार और टाटा स्टील जैसी इस्पात कंपनियां दाम बढ़ाने को प्रोत्साहित हो सकती हैं। समाचार एजेंसी प्रेस ट्रेस्ट के अनुसार कंपनी के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘‘एनएमडीसी जनवरी से लौह अयस्क की कीमतें तीन फीसदी तक बढ़ा सकती है।’’ उन्होंने कहा कि मांग बढ़ने और वैश्विकऔरऔर भी

बाजार का नई ऊंचाई पर पहुंच जाना कोई मजाक नहीं है। सितंबर का सेटलमेंट ऐसा सेटलमेंट रहा जब निफ्टी 5555 अंक से पलटकर वापस मुड़ा। यह वह स्तर था जहां से फंडों ने अपनी तमाम सारी शॉर्ट पोजिशन को तौबा बोलकर बाजार में खरीद का सिलसिला शुरू किया। निवेशक और ट्रेडर आमतौर पर यह बात भूल जाते हैं कि कोई भी स्टॉक तेजी के दौर में जाने से पहले अपने को जमाता है, उसी तरह जैसे कोईऔरऔर भी

आलोचकों की कोई हद नहीं है। वे कुछ भी बक सकते हैं। निफ्टी 6100 के ऊपर चला गया। फिर भी बहुत से ‘पंडित’ मानते हैं कि हमारी खबरें, विश्लेषण और सूचनाएं यूं ही बस लम्तड़ानी हैं। लेकिन करें क्या। दुनिया तो इन आलोचकों की मुठ्ठी में नहीं है। वे भले ही इनकी कीमत न समझें, लेकिन लोगों के बीच इन्हें पसंद किया जाता है। हम तो अपने तमाम मतिअंध आलोचकों से निवेदन करते हैं कि वे ब्राउजिंगऔरऔर भी