देश की तमाम ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों में सालाना खरीद के टेंडरों में भयंकर पक्षपात व धांधली होती है। यहां तक कि अफसरों व बाबुओ ने तमाम फर्जी कंपनियां बना रखी हैं जिनके नाम ही ज्यादातर टेंडर जारी किए जाते हैं। इन अफसरान की मेज के दराज में ही कंपनियों के लेटरहेड पड़े रहते हैं और वे बिना किसी शर्म के एक ही अंदाज में कई कंपनियों की तरफ से टेंडर भर देते हैं। यह बात ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों मेंऔरऔर भी

एक तरफ देश में मोबाइल सेवाएं बढ़ती जा रही हैं। निजी कंपनियां एक-दूसरे से होड़ लेती हुई देश के दूरदराज के इलाकों तक पहुंच रही हैं। देश में मोबाइलधारकों की संख्या 58.43 करोड़ के पार जा चुकी है। दूसरी तरफ सरकार का दूरसंचार विभाग (डॉट) ग्रामीण इलाकों में दूरसंचार सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए निर्धारित रकम का इस्तेमाल नहीं कर रहा है। देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने ग्रामीण इलाकों में इस काम केऔरऔर भी

सत्यम कंप्यूटर्स के बदनाम घोटाले में आंध्र प्रदेश सरकार की भी भूमिका रही है। यह बात भारतीय महालेखाकार (सीएजी) की ताजा रिपोर्ट में कही गई है। रिपोर्ट राज्य विधानसभा में पेश की जा चुकी है। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि राज्य सरकार ने कंपनी को विशाखापटनम के नजदीक 42.5 एकड़ जमीन महज 10 लाख रुपए प्रति एकड़ की दर से दी थी। जहां इस जमीन की कीमत 170 करोड़ रुपए बनती है, वहीं सरकार नेऔरऔर भी