पिछले कुछ सालों में ही कंपनियों के प्रति निवेशकों का नजरिया बदल गया है। तीन-चार साल पहले 2007-08 तक अगर कंपनियों का बड़े नेताओं से ताल्लुक होता था तो उन्हें अच्छा माना जाता था। 2005 से 2007 तक चले तेजी के दौर में राजनीतिक संपर्कों वाली कंपनियों के शेयर जमकर चढ़े। लेकिन 2008 आते-आते यह दौर खत्म हो गया। अब हालत यह है कि राजनीतिक जुड़ाव होना एक तरह का जोखिम माना जाने लगा है और बड़े औरऔर भी