स्पीक एशिया अपनी जिस साप्ताहिक ई-पत्रिका सर्वेज टुडे के सब्सक्रिप्शन के नाम पर अपने पैनलिस्टों से साल के 11,000 और छह महीने के 6000 रुपए लेने का दावा करती है, वैसी उसकी कोई ई-पत्रिका है ही नहीं। फिर भी कंपनी यह दावा इसलिए करती है ताकि उसके फ्रेंचाइजी या एजेंटों को यहां जमा की गई रकम को सिंगापुर भेजने का वाजिब आधार मिल जाए। असल में ये एजेंट व फ्रेंचाइजी अभी तक खुद को सर्वेज टुडे काऔरऔर भी

कई सालों की मशक्कत के बाद नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन (एनपीसीआई) ने प्रस्तावित विशिष्ट इंडिया कार्ड को अंतिम रूप दे दिया है जो व्यावसायिक रूप से लांच किए जाने के बाद वीजा व मास्टरकार्ड जैसी तुरंत भुगतान फर्मों की जगह लेगा। एनपीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट को बताया कि प्रस्तावित कार्ड का नाम Rupay (रूपे) होगा। कंपनी की बोर्ड बैठक में इसके लोगो को भी अंतिम रूप दे दिया गया है। उल्लेखनीय हैऔरऔर भी