दुनिया में नाम कमाने के लिए कभी कोई फूल नहीं खिलता। कोई विद्रोही कभी नाम कमाने के लिए शहीद नहीं होता। लेकिन ज़मीन में गड़ी हुई देहों की ख़ाक से, शरीर की मिट्टी से, धूल से, खिलेंगे गुलाबी फूल। सही है कि विद्रोही अनाम ही रह जाएगा।और भीऔर भी

इंसानों की बनाई इस दुनिया में कुछ भी पूर्ण नहीं। अपनी समझ से सब कुछ सही करते हुए भी हम गलत मोड़ पर पहुंच सकते हैं। तरीका सही, जवाब एकदम गलत। लेकिन इस तरह हम अपनी सोचने की प्रक्रिया को माजते हुए जरूर पूर्ण बना सकते हैं।और भीऔर भी

सागर की अतल गहराई नापी जा सकती है। लेकिन सतह पर बैठे हुए खुलती परतों की गहराई नापना बेहद मुश्किल है क्योंकि हर परत एक नई दुनिया खोल देती है, पुरानी ही दुनिया को नए मायने दे देती है और आप अनंत गहराइयों में उतरते चले जाते हैं।और भीऔर भी

अगर आप अपने से खुश हैं तो दुनिया भी आपकी परवाह करेगी। लेकिन अगर आप खुद अपने से ही दुखी हैं तो भगवान भी आपको नहीं बचा सकता। इसलिए अपनी कमियों व खूबियों का सही अहसास जरूरी है। न तो आत्ममुग्धता और न ही आत्मदया।और भीऔर भी