अगर हर दिन आपके भीतर कोई नया विचार नहीं कौंधता, गुत्थियों से भरे इस संसार में किसी गुत्थी को सुलझाने का हल्का-सा सिरा भी नहीं मिलता तो समझ लीजिए कि आप जीते जी मर चुके हैं।और भीऔर भी

हम सफल हुए बिना ही सफलता की हसीन वादियों में खो जाते हैं। महान बने बिना ही महानता की आभा में जीने लगते हैं। यह एकदम स्वाभाविक है। लेकिन इस तरह मुंगेरीलाल बनना हमारे लिए अच्छा नहीं है।और भीऔर भी