जुमे का दिन है, शुक्रवार है। लोकसभा ने सांसदों के वेतन को तीन गुना बढ़ाने और प्रमुख भत्तों को दोगुना करने का विधेयक पास कर दिया। सांसद गदगद हैं, मस्त हैं। लेकिन पिछले शुक्रवार को जब उन्होंने इसके लिए संसद में गदर मचा रखी थी, उसी दिन भारत के नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (सीएजी, कैग) ने उनके ध्यानार्थ एक रिपोर्ट पेश की थी कि कैसे देश की ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों में शीर्ष अधिकारियों की मिलीभगत से जनधन कीऔरऔर भी

कबाड़ी से धातु सम्राट बने वेदांता समूह के मालिक अनिल अग्रवाल ने सोमवार को लंदन में बाकायदा एलान कर दिया कि वे तेल व गैस भंडार के मामले में भारत की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी केयर्न इंडिया की 51 से 60 फीसदी इक्विटी खरीद रहे हैं। इसमें से 20 फीसदी इक्विटी वेदांता समूह की कंपनी सेसा गोवा ओपन ऑफर के जरिए खरीदेगी। बाकी कम से कम 40 फीसदी इक्विटी वेदांता समूह केयर्न इंडिया की ब्रिटिश प्रवर्तक केयर्नऔरऔर भी

जिन भी लोगों को पिछले साल अगस्त में सरकारी कंपनी एनएचपीसी के आईपीओ में शेयर मिले होंगे, वे आज रो रहे होंगे क्योंकि 36 रुपए में मिला वह शेयर कल अपने सबसे निचले स्तर 27.60 रुपए पर पहुंच गया। आखिर 23 फीसदी का नुकसान कोई मामूली नहीं होता! लेकिन अचंभा इस बात का है जिस दिन एनएचपीसी के शेयर की यह दुर्गति हुई है, उसी दिन खबर आई है कि वित्त वर्ष 2009-10 में उसने अब तकऔरऔर भी

राठी बार्स को हमने कल खरीदने की सलाह दी थी और आज वह कल के बंद भाव 16.15 रुपए से 9.97 फीसदी बढ़कर 17.76 रुपए पर पहुंचा तो उस पर 10 फीसदी का ऊपरी सर्किट ब्रेकर लग गया। केवल आज ही इसमें 15.25 लाख शेयरों के सौदे हुए हैं। इससे पहले 13 अप्रैल को उसमें 12.07 लाख शेयरों के सौदे हुए थे। असल चर्चा यह है कि उत्तर भारत की एक बड़ी स्टील कंपनी इसमें प्रवर्तकों कीऔरऔर भी