सतह के नीचे, समय के पार बहुत कुछ घटता रहता है, हम नहीं देख पाते। सूरज छिपता है, खत्म नहीं होता। शांत पृथ्वी के भीतर चट्टानें दरकती हैं, जलजला आता है। सावधान! शांतिभंग का खतरा है, किसान अशांत हैं।और भीऔर भी

सरकार ने किसानों को रियायती ब्याज दर पर ऋण मुहैया कराने के लिए अपने खजाने से 4868 करोड़ रुपए निकालने का निर्णय लिया है। यह रकम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और को-ऑपरेटिव बैंकों के साथ-साथ नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक) को भी दी जाएगी। नाबार्ड क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और को-ऑपरेटिव बैंकों को रीफाइनेंस करता है। यह निर्णय शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। मंत्रिमंडल के इस फैसले से यहऔरऔर भी

महंगाई पर काबू पाने की कीमत सरकार अब किसानों से वसूलने जा रही है। खेती की लागत बढ़ने के बावजूद वह इस बार खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने नहीं जा रही है। धान का मूल्य किसानों को वही मिलेगा जो पिछले साल मिला था। जबकि दलहन के मूल्य में की गई वृद्धि नाकाफी है। जिंस बाजार में दलहन की जो कीमतें हैं, उसके मुकाबले सरकार ने एमएसपी लगभग एक तिहाई रखा है। सरकार केऔरऔर भी

अनिल रघुराज हमारे यहां बैंगन को भांटा कहते हैं। इस भांटे की स्थिति यह है कि बचपन में किसी को चिढ़ाने के लिए हम लोग कहते थे – आलू भांटा की तरकारी, नाचैं रमेशवा की महतारी। रमेशवा की जगह इसमें, नाम किसी का भी – जयराम, मनमोहन, पवार, सिब्ब्ल या सोनिया रखा जा सकता था। मेरे बाबूजी मुंबई (तब की बंबई) में एक कपड़े की दुकान पर काम करने आए। उन्हें अक्सर हर दिन भांटे की तरकारीऔरऔर भी

वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अपने बजट भाषण के अंत में कहा है कि यह बजट आम आदमी का है। यह किसानों, कृषकों, उद्यमियों और निवेशकों का है। इसमें बाकी सब तो ठीक है, लेकिन किसान और कृषक का फर्क समझ में नहीं आया। असल में वित्त मंत्री ने अपने मूल अंग्रेजी भाषण में फार्मर और एग्रीकल्चरिस्ट शब्द का इस्तेमाल किया है। लेकिन वित्त मंत्रालय के अनुवादक बाबुओं ने शब्दकोष देखा होगा तो दोनों ही शब्दों काऔरऔर भी

न कोई विज्ञप्ति, न कोई सार्वजनिक घोषणा। रिजर्व बैंक ने चुपचाप एक अधिसूचना जारी कर यूपीए सरकार की सर्वाधिक लोकलुभावन किसानों की कर्जमाफी योजना में नई राहत दे दी। वह भी उन किसानों को जिनके पास दो हेक्टेयर या पांच एकड़ से ज्यादा जमीन है। कर्जमाफी योजना के तहत इन किसानों को बकाया कर्ज में एकल समायोजन (वन टाइम सेटलमेंट) के तहत 25 फीसदी छूट देने का प्रावधान है, बशर्ते ये लोग बाकी 75 फीसदी कर्ज तीनऔरऔर भी