जापानी कंपनी होंडा ने हीरो होंडा में अपनी 26 फीसदी हिस्सेदारी सिंगापुर में मुंजाल परिवार की तरफ से बनाए गए विशेष एसपीवी (स्पेशल परपज वेहिकल) को बेच दी है। यह सौदा 120 करोड़ अमेरिकी डॉलर (5565 करोड़ रुपए) में हुआ है। इसकी आधिकारिक घोषणा 25 सितंबर को की जाएगी। बता दें कि हीरो होंडा से होंडा के निकलने की खबर सबसे पहले हमने आपको दी थी और सबसे पहले सौदे का ब्यौरा भी आपको हम ही देऔरऔर भी

जैसी कि उम्मीद थी, जोश से भरे स्टॉक अब थकते नजर आ रहे हैं। ट्रेडरों और निवेशकों की दिलचस्पी भी इनमें घट गई है। दूसरी तरफ अभी तक किनारे पड़े शेयरों, खासकर मिड कैप व स्मॉल कैप स्टॉक्स में अच्छी-खासी दिलचस्पी दिखने लगी है। यह दिलचस्पी भी सच्चे दीर्घकालिक निवेशकों की तरफ से आ रही है, न कि रिटेल निवेशकों की तरफ से। रिटेल निवेशक तो आखिरकार रिटेल ही हैं। वे तो बस रोना-धोना ही जानते हैं।औरऔर भी

बाजार में बहुत ज्यादा करेक्शन या गिरावट के आसार नहीं है क्योंकि रुझान खरीद का ही है जिससे बाजार ऊपर ही जाएगा। फिर भी हमारी सलाह है कि चुनिंदा खरीद ही करें। साथ-साथ दिमाग के किसी कोने में यह धारणा भी रखें कि बाजार गिर भी सकता है। मतलब निवेश करें, लेकिन पूरे चौकन्नेपन के साथ। जोखिम उठाएं, लेकिन नापतौल कर। वैसे भी शुक्रवार तक बाजार में तेज गति की उम्मीद न करें। गुरुवार को बाजार कमोबेशऔरऔर भी

निफ्टी में 14.5 अंक गिरावट आई और वह अब भी 5386.15 पर है। सेंसेक्स भी केवल 47.74 अंक गिरा और वह 17,938.16 पर टिका है। लेकिन बाजार में करेक्शन का सिलसिला चल निकला है क्योंकि अधिकांश खिलाड़ी सेंसेक्स के 18,000 के ऊपर पहुंचने पर मुनाफावसूली की राह पकड़ने का फैसला कर चुके हैं। मेरिल लिंच जैसे विश्वस्तरीय खिलाड़ी ने तो ऑन रिकॉर्ड कह दिया है कि बाजार अभी काफी महंगा नजर आ  रहा है। इसलिए करेक्शन काऔरऔर भी

मैंने आपसे बोला था कि ओएनजीसी एक ही सत्र में 100 रुपए बढ़ जाएगा और प्राकृतिक गैस के मूल्य (एपीएम) पर सरकार के फैसले ने ऐसा कर दिखाया। ओएनजीसी का शेयर बीएसई में 112.50 रुपए तक बढ़ गया। हालांकि बंद हुआ 89.70 रुपए बढ़कर 1118.20 रुपए पर। बढ़ती अनिश्चितता के बीच भी निवेशक बने रहना बहादुरी का काम है। असल में समझदार लोगों को ऐसे दौर में खरीद करनी और बढ़ानी चाहिए। दिक्कत है कि शेयर बाजारऔरऔर भी

बाजार में चर्चा चल निकली है कि अभी दाम ज्यादा चढ़े हुए हैं और अब करेक्शन या गिरावट आने को है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि फौरन ऐसा कुछ होनेवाला है। मैंने ब्लूमबर्ग पर काफी तेज किस्म के एक फंड मैनेजर की टिप्पणी पढ़ी। इसे पढ़ने के बाद मैं मानता हूं कि अभी किसी भी फंड मैनेजर के लिए मंदी या गिरावट की धारणा पाल लेना काफी जल्दबाजी होगी। वो यह गलती सेंसेक्स के 8000 अंक परऔरऔर भी