खोजते हम हैं, तब लपकते हैं दूसरे

बाजार में बहुत ज्यादा करेक्शन या गिरावट के आसार नहीं है क्योंकि रुझान खरीद का ही है जिससे बाजार ऊपर ही जाएगा। फिर भी हमारी सलाह है कि चुनिंदा खरीद ही करें। साथ-साथ दिमाग के किसी कोने में यह धारणा भी रखें कि बाजार गिर भी सकता है। मतलब निवेश करें, लेकिन पूरे चौकन्नेपन के साथ। जोखिम उठाएं, लेकिन नापतौल कर। वैसे भी शुक्रवार तक बाजार में तेज गति की उम्मीद न करें।

गुरुवार को बाजार कमोबेश चौरस ही रहा है। सेंसेक्स 28.70 अंक गिरा तो निफ्टी 7.40 अंक। एफएमसीजी और आईटी सेक्टर के शेयर बढ़े तो तेल व गैस और रीयल्टी के शेयरों में गिरावट के साथ उनके असर को बेअसर कर दिया।

अब सारा बाजार टाटा कम्युनिकेशंस की चर्चा में जुट गया है। लेकिन आपको मालूम ही होगा कि अर्थकाम की सहयोगी रिसर्च कंपनी सीएनआई ने ही सबसे पहले इस मूलभूत से मजबूत और असली मूल्य से कम भाव वाले शेयर को खोजकर निकाला था।

हमारी रणनीति से शुरू-शुरू में कुछ तकलीफ हो सकती है, लेकिन आखिरकार उससे फायदा हर हाल में मिलता है। सीएनआई ने भी इस समय खरीद की कॉल देने से अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। फिर भी आप सीएनआई के चुनिंदा शेयरों को जानते हैं और यह भी जानते हैं कि इनमें चाल आएगी क्योंकि इनमें औरों से ज्यादा तेज धार है। बाजार की गिरावट या करेक्शन के दौर में इनमें खरीद बढ़ा लेनी चाहिए।

इस बीच मुद्रास्फीति थोड़ा चिंता का विषय बनती जा रही है। कल थोक मूल्य पर आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े और पता चला था कि इसकी दर जून में 10.55 फीसदी रही है। आज खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति के आंकड़े आए हैं और यह 3 जुलाई को खत्म हफ्ते में 12.81 फीसदी रही, जबकि इससे ठीक पहले के हफ्ते में यह 12.63 फीसदी थी। इसने ब्याज दरों में वृद्धि की पक्की जमीन तैयार कर दी है।

बाजार में जब अफरातफरी मची हो तो उसमें बहने के बजाय शांति से खरीद करने में ही समझदारी है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ हैलेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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