नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने छह और कंपनियों को अपने फ्यूचर्स व ऑप्शंस (एफ एंड ओ) सेगमेंट में ट्रेडिंग के लिए शामिल कर लिया है। ये कंपनियां हैं एक्साइड, गुजरात मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, जिंदल साउथवेस्ट होल्डिंग्स, रुचि सोया, शोभा डेवलपर्स और हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज। अभी तक एनएसई के एफ एंड ओ सेगमेंट में 190 कंपनियों के डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग होती रही है। अब इनकी संख्या बढ़कर 196 हो जाएगी। एनएसई ने अभी तक यह नहीं बताया कि छहऔरऔर भी

इस बार अक्षय तृतीया रविवार, 16 मई को पड़ रही है। इसलिए दोनों ही स्टॉक एक्सचेंजों, बीएसई और एनएसई ने इस दिन केवल गोल्ड ईटीएफ में ट्रेडिंग के लिए बाजार को सुबह 9 बजे से लेकर शाम 3.30 बजे तक खुला रखने का फैसला किया है। लेकिन ध्यान रहे कि इस विशेष सत्र में केवल गोल्ड ईटीएफ में ही ट्रेडिंग होगी, बाकी किसी भी प्रतिभूति में नहीं। अभी सात गोल्ड ईटीएफ शेयर बाजारों में लिस्टेड हैं। येऔरऔर भी

हमारा कंपनी अधिनियम किसी कंपनी मे स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति के बारे में कुछ नही कहता। लेकिन लिस्टिंग समझौते के अनुच्छेद-49 के अनुसार स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध हर कंपनी को अपने बोर्ड में स्वतंत्र निदेशकों को रखना जरूरी है। फिर भी स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध 130 कंपनियों ने इस नियम का पूरी तरह पालन नहीं किया है। इसमें से 83 कंपनियां बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) की हैं तो 47 कंपनियां नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की। यह जानकारीऔरऔर भी

प्रोवोग इंडिया का शेयर आज बीएसई व एनएसई में कल से थोडा और गिर गया। सुबह गिरावट 2.20 फीसदी की थी। अब 1.80 फीसदी के आसपास है। खबर लिखे जाते समय बीएसई में इसका भाव 46.90 रुपए और एनएसई में ही 46.85 रुपए था। इसमें सौदे अच्छी-खासी मात्रा में हो रहे हैं। 12.20 बजे तक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में इसके करीब 2.16 लाख शेयरों के सौदे हो चुके थे, जबकि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में यह संख्याऔरऔर भी

देश में वोलैटिलिटी इंडेक्स की शुरुआत के करीब दो साल बाद पूंजी बाजार नियामक संस्था सेबी ने इस इंडेक्स पर आधारित डेरिवेटिव सौदों यानी फ्यूचर व ऑप्शन (एफ एंड ओ) की भी इजाजत दे दी है। लेकिन शर्त यह है कि ऐसा उसी वोलैटिलिटी इंडेक्स में हो सकता है जो कम से कम एक साल से चल रहा हो। अभी वोलैटिलिटी इंडेक्स केवल नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ही चला रहा है। इसका नाम इंडिया वीआईएक्स है औरऔरऔर भी

कल मेंने निफ्टी में सबसे बड़ा रोलओवर देखा जो साफ-साफ बताता है कि बाजार अब तेजड़ियों के कब्जे में आ गया है। मानसून का पहलू बाजार को कई तरीके से प्रभावित कर रहा है। अच्छे निवेश के आगम से बाजार अब काफी ऊंचाई तक पहुंचने का रुख कर रहा है। हम वित्त वर्ष 2009-10 को पीछे छोड़ रहे हैं और यकीनन यह शानदार विकास का साक्षी रहा है। अब हम नए वित्त वर्ष 2010-11 में कंपनियों कीऔरऔर भी

बाजार में सरकारी कंपनी गैल इंडिया के शेयरों में जमकर सौदे हो रहे हैं। कारोबार के पहले घंटे में ही एनएसई में इसके 6.20 लाख और बीएसई में 67 हजार शेयरों के सौदे हुए हैं। आज शेयर में खास उठान अभी तक नहीं दिखी है। पहले अनुमान था कि आज यह शेयर बढ़कर 420 रुपए के आसपास खुलेगा। मंगलवार को बीएसई में यह 411.10 रुपए और एनएसई में 410.95 रुपए पर बंद हुआ था। लेकिन फिलहाल इसकेऔरऔर भी

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के एक नए सर्कुलर ने ऐसी तमाम कंपनियों को सकते में डाल दिया है जो करेंसी फ्यूचर्स सौदों में हुए मार्क टू मार्क नुकसान के दम पर कर में छूट हासिल करती रही है। सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है कि जब तक विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव या करेंसी फ्यूचर्स सौदे असल में पूरे नहीं हो जाते, तब उन पर होनेवाले सांकेतिक नुकसान का फायदा कर रियायत के लिए नहीं मिल सकता। असल मेंऔरऔर भी