घर की लक्ष्मी
2011-10-26
दुनिया को जीने के लिए बेहतर जगह बनाने के संघर्ष में लगे लोग निश्चित रूप से धन्य हैं। लेकिन जो घर को जीने की बेहतर जगह बनाने में लगे है, उनकी इत्ती उपेक्षा क्यों? आखिर आधी दुनिया तो वही हैं!और भीऔर भी
दुनिया को जीने के लिए बेहतर जगह बनाने के संघर्ष में लगे लोग निश्चित रूप से धन्य हैं। लेकिन जो घर को जीने की बेहतर जगह बनाने में लगे है, उनकी इत्ती उपेक्षा क्यों? आखिर आधी दुनिया तो वही हैं!और भीऔर भी
जो चीजें प्रिय हों, उनकी उपेक्षा कतई नहीं की जानी चाहिए। उनकी देखरेख नहीं टाली जा सकती। नहीं तो गर्द-गुबार और समय के झंझावातों में वे ऐसी गुम हो जाती हैं कि लाख खोजने पर भी नहीं मिलतीं।और भीऔर भी
सभी अपने-अपने काम में लगे हैं। आप भी, मै भी। आप मेरी सुनें, जरूरी नहीं। मैं आपकी मानूं, जरूरी है। लेकिन न जाने किस रूप में नारायण मिल जाएं। इसलिए किसी की भी उपेक्षा करना ठीक नहीं।और भीऔर भी
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