चांदी में आखिरकार वही हुआ जिसका अंदेशा था। मामूली दरार अब खाईं बनती जा रही है। जिस चांदी को 165 फीसदी बढ़कर 75,000 रुपए प्रति किलो तक पहुंचने में 12 महीने लग गए थे, वह 12 दिनों में ही 28 फीसदी से ज्यादा गिर कर 53,750 रुपए प्रति किलो पर आ चुकी है। अब तो यही लगता है कि अगले 12 महीनों में हर मामूली बढ़त पर इसमें शॉर्ट सौदों का सिलसिला शुरू हो जाएगा। अगले 12 महीनों में इसके दोबारा 75,000 रुपए के पार जाने के कोई आसार नहीं हैं।
कच्चा तेल भी 8 फीसदी गिर चुका है। मेरी मानें तो यह 2012 के अंत तक 110 डॉलर प्रति बैरल की सीमा के भीतर ही रहेगा। हम कच्चे तेल पर पहले रिपोर्ट जारी कर चुके हैं। सोना भी आगे गिरेगा। इन सबके पीछे सट्टेबाजी काम कर रही थी। सट्टेबाजी के कम होते ही इनका गिरना लाजिमी था।
लेकिन सट्टेबाजों को खेलने के लिए हमेशा कुछ न कुछ चाहिए होता है। तेल नहीं, चांदी नहीं, सोना नहीं तो अब बच गया है इक्विटी बाजार। हालांकि 31 सालों का इतिहास बताता है कि तेल के बढ़ने के साथ हमेशा शेयर बाजार भी बढ़ा है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।
हमें लग रहा था कि आज दोपहर तक सटोरिये बाजार को पीटेंगे और दोपहर से इसका बढ़ना शुरू होगा। लेकिन आज तो सुबह से ही बढ़त का सिलसिला शुरू हो गया। दोपहर बाद यह सिलसिला तेज हो गया। तीन बजते-बजते निफ्टी 5564.40 तक पहुंच गया और बंद हुआ 1.58 फीसदी की बढ़त के साथ 5546.15 अंक पर। निफ्टी में हमारा पहला लक्ष्य अगले हफ्ते 5620 का है। उसके बाद नवंबर तक इसे 7000 पर होना चाहिए।
मेरी अपनी राय है कि कैम्फर एंड एलायड प्रोडक्ट्स इस साल का स्टॉक होगा। इसमें खरीद की जा सकती है क्योंकि प्रॉक्टर एंड गैम्बल इंटरनेशनल ने कम से कम इस बात की पुष्टि कर दी है कि वह कैम्फर से एस्ट्रोलाइड खरीद रही है। एस्ट्रोलाइड एक तरल रसायन है जिसे खुशबू के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
साहस सभी सद्गुणों में सबसे अहम है क्योंकि साहस के बिना आप कुछ ही हासिल नहीं सकते। कर भी लिया तो उसे साहस के बिना टिकाए नहीं रख सकते।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का paid कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)