अंतरराष्ट्रीय व्यापार में दोहा दौर की बातचीत को विफल नहीं होने दिया जाएगा। यह दावा किया है कि वाणिज्य, उद्योग व कपड़ा मंत्री आनन्द शर्मा ने। उन्होंने सोमवार को राजधानी दिल्ली में रीजनल ट्रेड पॉलिसी कोर्स 2011 के उद्घाटन समारोह में यह बात कही।
उन्होंने वार्ताओं के इस इस दौर के विकासपरक पक्ष पर जोर देते हुए कहा कि बातचीत की शर्तों को बदला नहीं जा सकता। भारत विकासशील देशों के लोगों के क्षमता निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है और भारत यह काम अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में दशकों से करता आ रहा है। उन्होंने कहा कि यह कार्य छात्रवृत्ति कार्यक्रमों के माध्यम से किया जा रहा है।
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के महानिदेशक पास्कल लेमी ने स्वीकार किया कि दोहा वार्ता में गतिरोध पैदा हो गया है। उन्होंने कहा नेतृत्व, व्यावहारिक सोच और दृढ़ निश्चय के जरिए विभिन्न मुद्दों पर बातचीत जारी रखी जा सकती है। बता दें कि दोहा दौर की वार्ताओं की शुरुआत दस साल पहले 2001 में कतर के दोहा शहर में हुई थी। इसका मतलब दुनिया भर में व्यापार की बाधाओं को कम करना है। लेकिन 2008 से ही ये वार्ताएं अटकी पड़ी हैं।
वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर ने सम्मेलन के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में आमूल परिवर्तन आ चुका है और आज विकासशील देश खामोश साझीदार नहीं बने रह सकते। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में विकासशील देश बातचीत में बराबर के हिस्सेदार हैं।