पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी निवेशकों के बीच धड़ल्ले से बंट रही निवेश की सलाहों को लेकर परेशान हो गई है। उसने निवेशकों को आगाह किया है कि अगर कोई व्यक्ति एसएमएस, इलेक्ट्रॉनिक या प्रिट मीडिया पर विज्ञापन के जरिए निवेश की सलाह देता है, भले ही वह किसी अनुबंध या इसके बिना यूं ही दे रहा हो, तो वो बाजार भावों को प्रभावित करने और निवेशकों को झांसा देने की कोशिश हो सकती है। इसलिए निवेशकों को ऐसी सलाह या सूचना पर कोई कदम पर्याप्त सावधानी बरतने और खुद सब कुछ ठोंक बजाकर परख लेने के बाद ही उठाना चाहिए।
सेबी ने शुक्रवार को यह सलाह निवेशकों के लिए जारी की है। लेकिन इस संदेश में कहीं भी यह स्पष्ट नहीं है कि वह निवेशकों को पोर्टफोलियो मैनेजरों के प्रति आगाह कर रही है या मोबाइल से लेकर वेबसाइट और पत्र-पत्रिकाओं व टीवी चैनलों पर दी जा रही सलाहों के प्रति। सेबी ने संदेश की शुरुआत यह बताने से की है कि उसका गठन संसद के कानून के तहत प्रतिभूति बाजार में निवेशकों के हितों की हिफाजत, प्रतिभूति बाजार के नियमन व विकास को आगे बढ़ाने और इससे जुड़े मसलों की देखरेख के लिए किया गया है।
सेबी को ऐसे लोगों के बारे में शिकायतें मिल रही हैं जो निवेशकों को खास-खास स्टॉक्स के बारे में सलाह दे रहे हैं और उनसे इसका पैसा ले रहे है। सेबी को यह भी पता चला है कि कुछ लोग बिना किसी पैसे या करार के भी प्रिंट मीडिया या बल्क एसएमएस के जरिए निवेश की सलाह दे रहे हैं। सेबी अधिनियम 1992 की धारा 12 के तहत पोर्टफोलियो मैनेजरों समेत प्रतिभूति बाजार से जुड़े सभी मध्यवर्तियों को इस बाजार में काम करने से पहले सेबी के पास रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। सेबी के नियमों के अनुसार पोर्टपोलियो मैनेजर ऐसा कॉरपोरेट निकाय (body corporate) है जो किसी अनुबंध या व्यवस्था के तहत ग्राहकों को सलाह देता है या उनकी तरफ से उनके धन का प्रबंधन करता है, उनका पोर्टफोलियो संभालता है।
पोर्टफोलियो मैनजरों समेत सभी मध्यवर्तियों के लिए बनी आचार संहिता में तय किया गया है कि मध्यवर्ती या उनका कोई कर्मचारी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से तब तक किसी प्रतिभूति के बारे में निवेश की सलाह नहीं देगा जब तक वह इस प्रतिभूति में अपनी लांग व शॉर्ट पोजिशन का खुलासा नहीं करता। यही नहीं, वह कर्मचारी ऐसी सलाह देते समय खुद पर आश्रित परिवार के सदस्यों की भी शॉर्ट व लांग पोजिशन का ब्योरा पेश करेगा।
निवेशकों को आगाह किया जाता है कि वे अगर कोई उन्हें निवेश की सलाह दे रहा है तो उसे मानने से पहले वे जांच लें कि वह पोर्टफोलियो मैनेजर के बतौर सेबी में पंजीकृत है या नहीं। सेबी के पास पंजीकृत सभी मध्यवर्तियों का विवरण उसकी वेबसाइट पर दिया गया है। लेकिन समस्या यह है कि पोर्टफोलियो मैनेजरों की यहां कोई सूची नहीं है। बल्कि आपको संबंधित निकाय या व्यक्ति का नाम डालकर सर्च करना पड़ेगा।