रिलायंस पावर का 3.91 फीसदी बढ़कर 182 रुपए और आरएनआरएल का 27.10 फीसदी घटकर 46.40 रुपए पर बंद होना विलय के अनुपात के हिसाब से मूल्यों का समायोजन है। ऐसा तो होना ही था। श्राडेर डंकन को भी आज बढ़ना था और उस पर ऊपरी सर्किट ब्रेकर भी लगना ही था। कारण, समाचार एजेंसी ने वह खबर चला दी थी और प्रमुख आर्थिक अखबार ने छाप दी थी जिसकी हांक हम महीने भर पहले से लगा रहे थे।
इस शेयर को खरीदने की सिफारिश हमने इसी कॉलम में पहली बार 5 अप्रैल को तब की थी जब उसका भाव 146.35 रुपए था। आज यह 19.99 फीसदी बढ़ा तो 207.40 रुपए पर इस सर्किट ब्रेकर लग गया। 9 जून को जब हमने मुलुंड में इसकी जमीन के सौदे की बात बताई थी, तब को इसका भाव केवल 124.90 रुपए था।
बताना हमारा काम है, मानना न मानना आपका। बात भरोसे की है। लेकिन यह आपकी आजादी भी है। वैसे अच्छी बात है कि हम औरों से बहुत पहले खबर निकालकर ले जाते हैं। जब हम लिखते हैं तो खबर सही होने के बावजूद हल्ला नहीं मचता। शेयर उसके बाद गिर भी जाता है। अगर कोई उसे हमारे बताने के आसपास खरीद ले, गिरने पर खरीद बढ़ाता रहे और जब खबर का हल्ला मचा मचे तो बेचकर निकल जाए! क्या फायदे की बात है। जिसने श्राडेर डंकन को 9-10 जून को खरीदा होगा, वह आज अपने निवेश को बेचकर 65 फीसदी मुनाफा कमा लिया होगा। खैर, हम तो लंबे निवेश के तरफदार हैं और जानते हैं कि श्राडेर अभी 300 रुपए के ऊपर जानेवाला है।
हमें ऐसा कोई गुरूर नहीं है कि हम बाजार की दिशा तय करते हैं। लेकिन हां, जहां तक रिसर्च के आधार पर अच्छे शेयरों को निकाल कर लाने की बात है तो हम औरों के कई कदम आगे चलते हैं। हमने कितने समय पहले तीन इडियट की बात की थी। आज सभी लोग आईएफसीआई, आईडीएफसी और आईडीबीआई में खरीद की सलाह देने लगे हैं। फर्टिलाइजर शेयरों में बढ़त देखी जा रही है। लेकिन अभी जिस स्तर पर ये पहुंच गए हैं, वहां पर इनमें निवेश करना सही नहीं होगा। हां, जिनके पास ये शेयर हों, उन्हें बेचकर जरूर कुछ कमाई कर लेनी चाहिए।
सेंसेक्स और निफ्टी मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। लेकिन इनके बीच मिड कैप और स्मॉल कैप सूचकांक ने बढ़त हासिल की। यह इसी बात का संकेत हैं कि मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों में एक नया दौर तेजी का शुरू हो रहा है जो अगले दो-तीन महीने तक जारी रहेगा। दुनिया से निराशाजनक खबरें और विश्लेषण आ रहे हैं। यूरोप के संकट के विकराल होने का अंदेशा जताया जा रहा है। लेकिन निश्चिंत रहे। हमारी अर्थव्यवस्था ठोस धरालत पर खड़ी है और बढ़ रही है। इस मायने में भारत का काफी हद तक दुनिया से संधि-विच्छेद (डिकपलिंग) हो चुका है।
शुक्रवार को ब्याज दरों में की गई वृद्धि एक सकारात्मक कदम है। इसने यही साबित किया है कि सिस्टम में पर्याप्त तरलता है और अर्थव्यवस्था अच्छी तरह काम कर रही है। रिजर्व बैंक ने यह भी संकेत दिया है कि वह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अनुमान बढ़ा सकता है। बाजार ने भी इसे सकात्मक रूप से लिया है। बैंकिंग शेयरों में वृद्धि और कुल मिलाकर सूचकांकों में ज्यादा फेरबदल का न होना इसी का नतीजा है। अभी तो कॉरपोरेट क्षेत्र की पहली तिमाही के नतीजे बाजार के एजेंडे में सबसे ऊपर हैं। बाजार इसे नजरअंदाज नहीं कर सकता और इसलिए पूरी संभावना है कि निफ्टी थोड़े ही समय में 5600 से 5700 तक का स्तर चूम सकता है।
बुद्ध ने कहा था – मैं तुम्हारे लिए कुछ नहीं कर सकता। मैं तो सिर्फ रास्ता दिखा सकता हूं जिस पर चलना आपको ही है।