सुप्रीम कोर्ट ने मशहूर इंजीनियरिंग व कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टुब्रो की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उसने 1300 करोड़ रुपए के सरकारी टेंडर में अपनी बोली को खारिज किए जाने को चुनौती दी थी। सरकार ने यह टेंडर 20 समुद्री गश्ती पोतों (ऑफशोर पैट्रोल वेसेल) बनाने के लिए निकाला था।
गुरुवार को सुनाए गए आदेश में न्यायमूर्ति अल्तमास कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया। हाईकोर्ट ने सितंबर, 2010 में लार्सन एंड टुब्रो की याचिका खारिज कर दी थी। पीठ ने कहा, ‘‘हमने हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करने का निर्णय किया है। याचिका खारिज की जाती है।’’
बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले को देखते हुए देश में समुद्री जहाजों की सुरक्षा बढ़ाने के मकसद से 20 समुद्री गश्ती पोतों के लिए टेंडर जारी किया था। लार्सन एंड टुब्रो, कोचीन शिपयार्ड और तीन अन्य कंपनियों ने निविदा के लिए बोली लगाई थी और अंततः कोचीन शिपयार्ड को यह ऑर्डर दिया गया। लार्सन एंड टुब्रो (एल एंड टी) ने तकनीकी बोली का चरण पार कर लिया था, लेकिन वाणिज्यिक बोली के दूसरे चरण में उसकी बोली खारिज कर दी गई थी।