भारतीय रेल के पास 10.65 लाख एकड़ जमीन है। इसका 90 फीसदी हिस्सा रेल महकमा खुद के कामकाज में इस्तेमाल करता है। उसकी बाकी 1.13 लाख एकड़ जमीन खाली पड़ी है। रेलवे का कहना है कि इस जमीन का प्राथमिक इस्तेमाल गेज बदलने, फ्रेट कॉरिडोर बनाने व ट्रैक की सर्विसिंग जैसे कामों में किया जाएगा। इससे बची इफरात जमीन का व्यावसायिक उपयोग होगा। इसके लिए बाकायदा साल 2005 में रेल भूमि विकास प्राधिकरण बनाया गया है। वह रेलवे की जमीन 35-40 सालों की लीज पर देगा। प्राधिकरण ने अभी तक 135 जगहों पर 3761 एकड़ जमीन लीज पर देने के लिए चुनी है।
2010-08-06