अभी रेल बजट आने में पूरे एक हफ्ते बचे हैं। नए वित्त वर्ष 2012-13 का रेल बजट 14 मार्च को पेश किया जाना है। लेकिन रेल मंत्रालय ने तमाम जिंसों का मालभाड़ा अभी से 20 फीसदी तक बढ़ा दिया है। यह वृद्धि मंगलवार को गुपचुप कर दी गई। किसी तरह की तोहमत से बचने के लिए रेल मंत्रालय ने इसे मालभाड़ा को बढ़ाने के बजाय तर्कसंगत बनाने का नाम दिया है।
इसके तहत असल में मालभाड़े की दर को प्रति टन प्रति किलोमीटर के हिसाब से तय किया जाएगा, जबकि अभी तक दूरी के दायरे के हिसाब से मालभाड़ा लगता था। जानकारों का मानना है कि इससे कोयले से लेकर उर्वरकों जैसी तमाम वस्तुओं के दाम बढ़ जाएंगे। मालभाड़े के धंधे में लगे ऑपरेटरों का कहना है कि इस भाड़ा 30 फीसदी तक बढ़ जाएगा, वहीं रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक यह वृद्धि पिछली दर से 15-20 फीसदी ज्यादा होगी। मंत्रालय ने दूसरी तरफ ज्यादातर निर्यात होनेवाले लौह अयस्क का भाड़ा करीब 31 फीसदी घटा दिया है। इसकी वजह विश्व अर्थव्यवस्था में चल रही सुस्ती को बताया गया है।
इस बीच रेल मंत्रालय ने बुधवार को जानकारी दी कि चालू वित्त वर्ष 2011-12 में फरवरी तक के 11 महीनों में भारतीय रेल की कुल आय 92,985.50 करोड़ रुपए रही है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की आय 84,402.34 करोड़ रुपए से 10.17 फीसदी ज्यादा है। इसमें मालभाड़े से हुई आय 10.24 फीसदी बढ़कर 56,394.23 करोड़ रुपए और यात्री किराए से हुई आय 9.57 फीसदी बढ़कर 25,858.14 करोड़ रुपए हो गई। अन्य कोच सेवाएं से उसकी आमदनी इस दरम्यान 12.45 फीसदी बढ़कर 2580.32 करोड़ रुपए पर पहुंच गई।