मौज-मस्ती भरे क्रिसमस के लिए मेरी बधाई स्वीकार करें। बाजार भी लगता है कि बधाई देने के मूड में आ गया है क्योंकि इसे रफ्तार देनेवाले तो छुट्टी पर जा चुके हैं। आज खास कुछ होना-हवाना था नहीं। वैसे, बीएसई सेंसेक्स 90.78 अंक बढ़कर 20073.66 और एनएसई निफ्टी 31.60 अंक बढ़कर 6011.60 पर बंद हुआ है। अब हम बाजार पर गंभीरता से निगाह सोमवार को ही डालेंगे। आसार तो यही हैं कि यह सेटलमेंट तूफान के साथ खत्म होगा।
बी ग्रुप के शेयरों को हथियाने के लिए बस चार दिन और बचे हैं। 2011 की शुरुआत के साथ ही तेजी का सिलसिला शुरू होने जा रहा है क्योंकि नए साल के लिए एफआईआई की तरफ से तय की गई नई रकम बाजार में आएगी और लोगबाग ताजा विचारों के साथ नया निवेश करेंगे। विदेशी संस्थाओं को बोनस इस बार नहीं मिलना है तो उनके पोर्टफोलियो को मथे जाने को लेकर कोई फिक्र है नहीं। गुरुवार को म्यूचुअल फंडों की तरफ से एनएवी (शुद्ध आस्ति मूल्य) बढ़ाने की कुछ कसरत जरूर होगी।
वित्त मंत्री ने संकेत दिया है कि पीएफ की रकम को इक्विटी में लगाया जाना चाहिए। हुआ तो यह अच्छी पहल होगी। वाणिज्य मंत्री ने कहा है कि जनवरी के मध्य में निर्यात बढ़ाने के लिए नए प्रोत्साहन दिए जाएंगे। इससे लगता है कि विकास की भूख अभी बाकी है। 25 जनवरी को रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा में तरलता बढ़ाने के लिए सीआरआर (नकद आरक्षित अनुपात) में कटौती हो सकती है। इन सारे पहलुओं के मद्देनजर लगता है कि 2011 की शुरुआत वित्तीय सुधारों को आगे बढ़ाने से होगी। कंपनियों की तीसरी तिमाही के नतीजे उम्मीद से बेहतर रहेंगे। 10 जनवरी से इन नतीजों के आने का क्रम शुरू हो जाएगा जो बाजार के उत्साह को और गति देगा।
सेबी ने पिरामिड साईमीरा के प्रवर्तक पी एस सामीनाथन पर दस साल का बैन लगाने का आदेश पारित कर दिया है। साथ ही उन्हें ओपन ऑफर लाने का निर्देश भी दिया है। मुझे लगता है कि ओपन ऑफर 80 रुपए में दो सालों का ब्याज जोड़कर निकले मूल्य पर आना चाहिए क्योंकि इसके लिए प्रासंगिक तारीख 22 दिसंबर 2008 ही हो सकती है जब सेबी के फर्जी पत्र का प्रकरण घटित हुआ था। उस दिन यह शेयर एकबारगी 10 फीसदी बढ़कर 83 रुपए पर पहुंच गया था। वैसे, आज यह 19.94 फीसदी बढ़कर 7.46 रुपए पर बंद हुआ है।
इस समय पिरामिड साईमीरा में प्रवर्तकों के पास 20 फीसदी और पब्लिक के पास 80 फीसदी शेयर हैं। सेबी ने सामीनाथन को तीन महीने के भीतर सभी शेयरधारकों के लिए ओपन ऑफर लाने को कहा है। सेबी ने अपने आदेश में ओपन ऑफर का मूल्य डीलिस्टिंग रेग्युलेशन के नियम-23 के तरह किसी वैल्युअर से तय कराने की बात कही है। सवाल उठता है कि क्या सामीनाथन निवेशकों से मौजूदा बाजार भाव से 15 गुना मूल्य पर कंपनी के 80 फीसदी शेयर खरीदने का ऑफर लाएंगे? अगर नहीं तो सेबी उनके खिलाफ क्या कार्रवाई करेगी?
इसमें किसी भी ढिलाई का गलत संकेत जाएगा क्योंकि तब प्रवर्तक फ्रॉड करते रहेंगे और सेबी के आदेश को कोई तवज्जो नहीं देंगे। नतीजतन, निवेशकों को कोई राहत नहीं मिलेगी। पहले से ही 1600 ऐसी कंपनियां बाजार से सस्पेंड की जा चुकी हैं जिनमें प्रवर्तक अपने शेयर बेच चुके हैं और लिस्टिंग समझौते के चंद नियमों का पालन न करके स्टॉक को डीलिस्ट कराने का रास्ता पकड़ चुके हैं। क्या पिरामिड साईमीरा भी इस सूची में एक और कचरा स्टॉक बनकर जुड़ जाएगा? इसका जवाब पाने के लिए आपको अगले तीन महीने तक इंतजार करना पड़ेगा।
साल 2011 निश्चित रूप से सभी निवेशकों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरेगा, चाहे वे निवेशक विदेशी हों या घरेलू। आखिर में एक बार फिर आप सभी को क्रिसमस और नए सीजन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
अगर कोई एक चीज है जिसे पाकर आपका दिल बाग-बाग हो सकता है तो वह है वाजिब काबिलियत क्योंकि यह बड़ी दुर्लभ है।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)