असली नहीं, तकनीकी है यह उछाल

शुक्रवार को डर था कि आज कहीं काला सोमवार न हो जाए। लेकिन आज तो पूरा परिदृश्य ही बदला हुआ था क्योंकि इटली के अखबार में छपी एक खबर के मुताबिक आईएफएम ने कह दिया कि इटली को संकट से निकालने के लिए वो वित्तीय मदद देने को तैयार है। हालांकि बाद में आईएमएफ के प्रवक्ता ने इसका खंडन कर दिया। खैर, इस दरम्यान हमारे उस्ताद लोग इसे यूरोप के संकट में राहत बताकर बाजार को चढ़ाने में जुट गए क्योंकि शुक्रवार को बाजार ओवरसोल्ड अवस्था में जा चुका था।

बाकी काम मेरे दोस्तों ने कर दिखाया। वे कल तक नकारात्मक रवैया अपनाए हुए थे। आज उन्होंने अपने शॉर्ट सौदे घाटे में भी काट डाले और निफ्टी के 4787 के ऊपर पहुंचते ही लांग सौदों में जुट गए। रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल), भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और मेटल सेक्टर के शेयरों ने आज की तेजी की अगुआई की है।

मैं इस समय एकदम मध्यम मार्ग अपना चुका हूं। बिल्कुल तटस्थ। न तेजी का उन्माद। न डूबने का डर। हर डुबकी पर खरीदने और कमजोरी जारी रहने पर बेचने का पक्षधर हूं। जैसा कि मैंने शुक्रवार को ही बोला था कि रिटेल सेक्टर में उठा झाग जल्दी बैठ जाएगा। राजनीतिक हंगामे के बीच पैंटालून रिटेल 4.57 फीसदी, शॉपर्स स्टॉप 7.15 फीसदी, कूटोंस 7.74 फीसदी गिर गया। एविएशन सेक्टर में भी न तो विदेशी एयरलाइंस को निवेश की इजाजत मिलने और न ही प्रधानमंत्री के साथ मिलने से कुछ मिलने जा रहा है।

सेंसेक्स आज 471.70 अंक (3.01 फीसदी) की शानदार बढ़त के साथ 16,167.13 और निफ्टी 141.25 अंक (3 फीसदी) की बढ़त लेकर 4851.30 पर बंद हुआ है। लेकिन यह तेजी महज तकनीकी वजहों से आई है क्योंकि ट्रेडर अपनी शॉर्ट पोजिशन कवर करने की मशक्कत में लगे हैं।

आज कुछ स्टॉक्स में फ्रंट-रनिंग फिर से शुरू हो गई। फ्रंट रनिंग का मोटा-मोटी मतलब है निवेशकों से खरीदवाने से पहले ही ब्रोकर फर्म या म्यूचुअल फंड के भीतरी लोगों द्वारा स्टॉक्स को खरीद लेना। यह थोड़ा अशुभ संकेत है। फिर भी मेरा सुझाव है कि मूलभूत रूप से मजबूत शेयरों में एकदम चौकन्ना रहते हुए बढ़ने की उम्मीद के साथ खरीद करें या दूसरे शब्दों में लांग रहें। इसको थोड़ी शॉर्ट पोजिशन के साथ बराबर या हेज करें और हाल-फिलहाल के लिए निफ्टी को लेकर तटस्थ रहें। अगर निफ्टी 4780 के नीचे जाता है तो उम्मीद करें कि यह 4690 और यहां तक कि 4650 तक भी जा सकता। दूसरी तरफ अगर निफ्टी 4880 के पार जाता है तो यह इसी सेटलमेंट के भीतर 5000 तक जा सकता है।

मैं परसों सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के ताजा आंकड़ों को देखने-समझने के बाद ही अपनी नई राय बनाऊंगा। जुलाई-सितंबर 2011 तिमाही के आंकड़े बुधवार, 30 नवंबर को आने हैं। इस बीच मॉरगन स्टैनले ने कहा कि पूरे वित्त वर्ष 2011-12 में जीडीपी की विकास दर 6.90 फीसदी तक जा सकती है, जबकि मेरा मानना है कि यह 6.50 फीसदी से नीचे रह सकती है। मॉरगन स्टैनले का पुराना अनुमान 7.4 फीसदी का रहा है।

किसी दिन का आकलन इससे न करें कि उस दिन आपने फसल कितनी काटी, बल्कि इससे करें कि उस दिन आपने बीज कितने बोए।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए अनाम है। वह अंदर की बातें आपके सामने रखता है। लेकिन उसमें बड़बोलापन हो सकता है। आपके निवेश फैसलों के लिए अर्थकाम किसी भी हाल में जिम्मेदार नहीं होगा। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का कॉलम है, जिसे हम यहां आपकी शिक्षा के लिए पेश कर रहे हैं)

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