उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। बजट से पहले केवल एक कारोबारी दिन बचा है। लेकिन बाजार में छाई निराशा सुरसा के मुंह की तरह विकराल होती जा रही है। निफ्टी आज साढ़े तीन फीसदी से ज्यादा गिरकर 5242 तक चला गया। सेंसेक्स भी 600 अंक से ज्यादा गिरकर 17,560 तक पहुंच गया। हालांकि बंद होते-होते बाजार थोड़ा संभला है। इस गिरावट के पीछे खिलाड़ियों के खेल अपनी जगह होंगे। लेकिन ट्रेडर और निवेशक अब नए फेर में पड़ गए हैं कि जब लीबिया में संकट गहराता जा रहा है तब आयात पर निर्भर हमारा देश कच्चे तेल के संकट को कैसे हल करेगा।
नोमुरा का अनुमान है कि कच्चे तेल के दाम दो साल में 220 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच जाएंगे। मेरा भी कुछ ऐसा ही मानना है कि 2014 या 2015 तक तेल के दाम 270 डॉलर प्रति बैरल पर होंगे। अगर हुआ तो ऐसा दो साल बाद होगा। मगर निवेशक अभी से हलकान हुए जा रहे हैं। यूं तो बाजार में छाई निराशा हमेशा तेजी के नए दौर को जन्म देती है। लेकिन अभी हालत यह है कि लोगों के पास टैक्स भरने तक को पैसे नहीं हैं। शेयरों में उनका निवेश लगभग न के बराबर हो गया है। एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडीविजुअव) और डीआईआई (घरेलू निवेशक संस्थाओं) के पास जरूर कुछ कैश इफरात पड़ा है। लेकिन उन्हें डर है कि बाजार उठने के बजाय अभी और नीचे जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक एसबी ने अपने शॉर्ट सौदे काट दिए हैं क्योंकि उनका मामला मंदड़ियों के घोटाले की जांच के तहत आ गया है। लेकिन मेरा कहना है कि मंदड़िये अपने शॉर्ट सौदे काटें या नहीं, इससे खास फर्क नहीं पड़ता क्योंकि बमुश्किल मात्र 50 फीसदी डेरिवेटिव सौदों का रोलओवर हो रहा है और आज सेटलमेंट के अंत के साथ ही तमाम शॉर्ट पोजिशन खुद ब खुद खत्म हो जाएंगी। हमें वाकई इस बात के लिए अपने स्टॉक एक्सचेंजों का शुक्रगुजार होना चाहिए कि उन्होंने सारे डेरिवेटिव सौदों में कैश सेटलमेंट की व्यवस्था रख रखी है जिससे शॉर्ट सेलर्स को कैश में अंतर चुकाने की भारी सहूलियत मिल जाती है।
खाद्य मुद्रास्फीति के आंकड़े आज आ गए हैं। 12 फरवरी को खत्म हफ्ते में यह 11.49 फीसदी रही है, जबकि इससे ठीक पहले के हफ्ते में 11.05 फीसदी थी। कल रेल बजट आना है जिसमें शायद मालभाड़े न बढ़ाए जाएं। आर्थिक समीक्षा में विकास और मुद्रास्फीति पर गौर किया जाएगा, जिसमें नया कुछ नहीं है। सोमवार बाजार के लिए सबसे नाजुक दिन है। अगर उस दिन बजट में कुछ विशेष प्रस्ताव निवेशकों को खुश करने के लिए हुए तो अभी खरीदनेवालों को मंगल व बुध को बेचकर मुनाफा कमाने का शानदार मौका मिल सकता है।
नई पोजिशन आज नहीं, शुक्रवार और सोमवार को ही बननी हैं क्योंकि मंदड़िये तक बड़ा जोखिम इस तरह खुला नहीं रख सकते। चलिए, इंतजार करते हैं कि बजट हमारे लिए क्या लेकर आ रहा है।
यह दुनिया सच के सिवा बाकी किसी भी चीज के लिए बेहद खतरनाक है और प्यार के सिवा किसी भी चीज के लिए बेहद छोटी है।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)
