मोती पड़े हैं तल में, मिलेंगे पल में

किताबों से लेकर बिजनेस स्कूलों तक में पढ़ाया जाता है कि संभावनामय व मूलभूत रूप से मजबूत कंपनियों में ही निवेश करना चाहिए। यह भी कहा जाता है कि सस्ते में खरीदो और महंगे में बेचो। लेकिन सबसे अहम मुद्दा है यह पता लगाना कि कोई मजबूत संभावनामय कंपनी सस्ते में मिल रही है या नहीं। मित्रों! शायद आपसे दोबारा मिलने में थोड़ा वक्त लग जाए, इसलिए यहां कुछ सूत्र और कंपनियों के नाम फेंक रहा हूं ताकि आप अपने फैसले खुद ले सकें।

आपको पता ही होगा कि इस समय ब्याज दरें घटने का सिलसिला शुरू हो गया है तो बहुत सारे सलाहकार सरकारी बांडों जैसी निश्चित आय वाली प्रतिभूतियों में निवेश की सलाह दे रहे हैं। लेकिन अगर ऐसी ही सुरक्षा और पक्की व कई गुना ज्यादा आय अगर शेयर बाजार से मिलने के मौके हों तो? जी हां, सरकारी बांडों पर यील्ड की दर इस समय 8.66 फीसदी चल रही है। मोटा सूत्र यह है कि अगर किसी कंपनी का शेयर 10 से कम पी/ई पर ट्रेड हो रहा हो, तो उसमें काफी अच्छा रिटर्न मिल सकता है।

लेकिन कम पी/ई का मतलब यह भी होता है कि बाजार उसे पूछ नहीं रहा। इसकी कई ठोस वजहें भी हो सकती हैं। हो सकता है कि कंपनी कर्ज के बोझ तले इस कदर दबी हो कि उसके उठने की कोई गुंजाइश न हो। इसलिए कोई कंपनी निवेश के लिए सुरक्षित है या नहीं, इसका पता भी जरूर लगा लेना चाहिए। इसका पता चलता है, ऋण-इक्विटी अनुपात से। अगर किसी कंपनी का ऋण-इक्विटी अनुपात 0.50 : 1 से कम है तो समझ लीजिए कि वह निवेश के लिए सुरक्षित है। उसमें कल को किसी खतरे में फंसने की गुंजाइश काफी कम है।

हालांकि बाजार कभी भी नियमों या सूत्रों में बंधकर यांत्रिक रूप से काम नहीं करते क्योंकि यहां खरीदने-बेचने वाले इंसानों का मनोविज्ञान काम करता है। कब कौन किस भावना के जोश में आकर क्या फैसला कर डाले, भरोसा नहीं रहता। फिर अपने यहां के तो बड़े खिलाड़ी एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) और एलआईसी जैसी सरकारी संस्थाएं हैं। कब कहां की, कौन-सी हवा ऊंट को इस करवट से उस करवट बैठा दे या भगा दें, कह पाना मुश्किल है। ऐसे में हमेशा ध्यान में रखना चाहिए कि शेयर बाजार के निवेश में जोखिम है। इसे कम तो किया जा सकता है, मिटाया कतई नहीं जा सकता है। इसलिए मेरे सुझाए स्टॉक्स के बारे में अपनी तरफ से पूरी तहकीकात कर लीजिएगा।

दस से कम पी/ई और आधे से कम ऋण-इक्विटी अनुपात पर वाली दस कंपनियों की सूची पेश कर रहा हूं। हां, इसमें बैंक व वित्तीय कंपनियों शामिल नहीं हैं क्योंकि उन पर यह मानक सही नहीं चलता।

कंपनी का नाम पिछले 12 महीनों के शुद्ध लाभ पर आधारित पी/ई अनुपात ऋण-इक्विटी अनुपात
गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर्स 3.75 0.50
गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स 4.45 0.14
ग्लोडाइन टेक्नोसर्व 6.78 0.29
एडुकॉम्प सोल्यूशंस 6.97 0.42
गुजरात फ्लूरोकेमिकल्स 7.28 0.33
एचडीआईएल 7.08 0.45
महाराष्ट्र सीमलेस 8.26 0.04
पोलारिस फाइनेंशियल 7.66 0.00
बिड़ला कॉरपोरेशन 8.08 0.50
कल्पतरु पावर 9.09 0.28

4 Comments

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