थमने का मतलब रुक जाना नहीं होता!

अर्थकाम के अब तक के सफर के हमसफर दोस्तों! अब तक मैंने ट्रेडिंग बुद्ध और तथास्तु की सेवा थोड़े-बहुत व्यवधान के बावजूद बराबर जारी रखी। लेकिन इधर स्वास्थ्य संबंधी कुछ जटिल समस्याएं आ गई हैं। सच बताऊं तो मेरे हार्ट की बाईपास सर्जरी ज़रूरी हो गई है। कल 4 फरवरी को सीना खोलकर यह ऑपरेशन किया जाएगा। उसके बाद हील होने में अमूमन पांच-छह हफ्ते लग ही जाते हैं। उसके बाद ही काम करने लायक हो पाऊंगा। इसलिए ये दोनों सेवाएं अब अगले माह 5 मार्च से ही शुरू पाएंगी। आप सभी सब्सक्राइबरों की सेवा इसी हिसाब से बढ़ा दी जाएगी। इस बीच नए वित्त वर्ष 2023-24 का बजट आ चुका है। तहकीकात जारी है कि उसके प्रावधान अनिश्चितता के भरे घरेलू और वैश्विक माहौल में कैसे राह निकाल पाएंगे…

सरकार ने अपनी तरफ से अर्थव्यवस्था में पहले से करीब 33% ज्यादा पूंजी (13,70,949 करोड़ रुपए) डालने की पेशकश की। लेकिन देश आगे देखेगा कि इतनी पूंजी आर्थिक विकास और रोज़गार सृजन में कैसे और कितनी कामयाब होती है? क्या इससे निजी क्षेत्र का निवेश बढ़ाने में भी सफलता मिल पाएगी? आप पढ़ते रहिए, गुनते रहिए और अर्थकाम की सेवाएं फिर से शुरू होने का इंतज़ार कीजिए। यकीन रखें कि थमने का मतलब रुक जाना नहीं होता। ठीक होते ही हम फिर से अपना सफर शुरू कर देंगे। और, पहले से ज्यादा उत्साह और एक बड़ी टीम के साथ।

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