देश के सबसे बड़े बैक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में मात्र 0.45 फीसदी बढ़ा है, जबकि ब्रोकर समुदाय 21.64 फीसदी वृद्धि की उम्मीद लगाए बैठा था। नतीजे बाजार बंद होने के बाद घोषित किए गए। इसलिए शेयर के भाव पर इसका असर नहीं देखा गया। एसबीआई का शेयर सोमवार को 3515 रुपए तक पहुंच गया, जो उसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर है। हालांकि बंद हुआ मुहूर्त के बंद भाव से 1.92 फीसदी गिरकर 3422.65 रुपए पर।
स्टेट बैंक ने 30 सितंबर 2010 को समाप्त तिमाही में 2501.37 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के शुद्ध लाभ 2490.04 करोड़ रुपए से केवल 0.45 फीसदी ज्यादा है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रायशुमारी के मुताबिक अधिकांश ब्रोकर 3029 करोड़ रुपए के शुद्ध लाभ का अनुमान लगा रहे थे। स्टेट बैंक के शुद्ध लाभ में खास बढ़त न होने की वजह उसकी ट्रेजरी आय में आई कमी है। पिछले साल की समान अवधि में उसकी ट्रेजरी आय 5994.49 करोड़ रुपए थी, जबकि इस बार यह आय घटकर 5383.23 करोड़ रुपए रह गई है। ट्रेजरी आय में बैंकों द्वारा अपने निवेश (बांड वगैरह) पर हुई कमाई को शामिल किया जाता है।
सितंबर 2010 की तिमाही में एसबीआई की कुल आय 23,813.30 करोड़ रुपए रही है, जबकि सितंबर 2009 की तिमाही में यह 21,301.04 करोड़ रुपए थी। इस दौरान उसके रिजर्व 57312.81 करोड़ रुपए से बढ़कर 71599.83 करोड़ रुपए हो गए हैं। बैंक द्वारा दिए गए ऋणों का स्तर सुधरा है। इसका पता इस बात से चलता है कि उसके एनपीए का अनुपात 1.73 फीसदी से घटकर 1.70 फीसदी हो गया है।
वैसे, इधर आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक जैसे निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंकों की आस्तियों या ऋण के स्तर में भी सुधार आया है। आईसीआईआई बैंक ने तो सितंबर 2010 तिमाही में 19 फीसदी ऋण वृद्धि दर्ज की है।