मूलभूत रूप से मजबूत कंपनियों के शेयर बढ़ते ही हैं। हमने इसी कॉलम में 1 जुलाई 2010 को वी-गार्ड इंडस्ट्रीज की चर्चा की थी। तब उसका भाव 102 रुपए था। नौ महीनों में यह बढ़कर 190 रुपए पर पहुंच गया है। इस बीच 11 नवंबर 2010 को यह 215 रुपए की ऊंचाई भी छू चुका है। रिटर्न की गणना आप खुद कर लीजिए। इसलिए बाजार से चुन-चुनकर मजबूत शेयर पकड़ते रहना चाहिए। वक्त के साथ वे अच्छा रिटर्न देते ही हैं। आज चर्चा इसी तरह की अन्य कंपनी भारत बिजली लिमिटेड की।
भारत बिजली का शेयर (बीएसई – 503960, एसएसई – BBL) फिलहाल 1105 रुपए पर चल रहा है। देखने में यह महंगा लगता है। लेकिन यही शेयर अगर 10 रुपए के बजाय 1 रुपए अंकित मूल्य का होता तो इसका भाव 110.5 रुपए होता। असल में इसीलिए कंपनियां अक्सर अपने शेयरों को स्प्लिट करती रहती हैं। भारत बिजली का ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस (प्रति शेयर मुनाफा) 92.69 रुपए है। इस आधार पर उसका शेयर इस समय 11.92 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। कंपनी का मौजूदा बाजार पूंजीकरण 622 करोड़ रुपए है और इसे मिड कैप श्रेणी में शामिल किया जाएगा।
भारत बिजली देश के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग उद्योग की प्रमुख कंपनियों में गिनी जाती है। वह बिजली के ट्रांसफॉर्मर, लो-टेंशन मोटर, एलिवेटर सिस्टम व स्पीड ड्राइव बनाती है। ये सब औद्योगिक इस्तेमाल के उत्पाद हैं। उसकी उत्पादन इकाइयां महाराष्ट्र के नवी मुंबई और कलवा में हैं। वह इंडोनेशिया, फिलीपींस, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, जॉर्डन, ओमान, बांग्लादेश व नेपाल में भी अपना माल बेचती है। देश में उसके प्रमुख ग्राहकों में रिलायंस इंडस्ट्रीज, एस्सार ऑयल, आदित्य बिड़ला नूवो, एटलस कॉप्को, एल्गी इक्विपमेंट्स, गोदरेज, गल्फ पेट्रोलियम, हिंडाल्को, बीएचईएल, मुकंद, रैनबैक्सी लैब और जॉनसंस लिफ्ट्स शामिल हैं।
देश में बिजली की मांग जैसी है और उसे पूरा करने की जिस तरह कोशिशें की जा रही हैं, उसमें भारत बिजली के उत्पादों की मांग आगे बढ़ती ही जानी है। इसलिए इस पहलू को यहां दोहराने की शायद कोई जरूरत नहीं है। अभी पिछले ही हफ्ते ब्रोकिंग फर्म आनंदी राठी ने अपनी रिसर्च रिपोर्ट में एक नई बात बताई है कि भारत बिजली ने एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान ऑयल एक्प्लोरेशन और सीमेंस इंडिया जैसी कंपनियों में 4.53 करोड़ रुपए का निवेश किया था, जिसका मूल्य अब बढ़कर लगभग 270 करोड़ रुपए हो चुका है।
इसमें अधिकतम 253 करोड़ रुपए का मूल्य उसे सीमेंस इंडिया में किए गए निवेश पर मिल रहा है। कंपनी के पास सीमेंस इंडिया के करीब 28.25 लाख शेयर हैं। आपको पता ही होगा कि सीमेंस की मालिक, जर्मन कंपनी सीमेंस एजी ने उसकी 20 फीसदी इक्विटी खरीदने का ओपर ऑफर 930 रुपए प्रति शेयर के भाव पर पेश किया है। अगर भारत बिजली ओपन ऑफर में सीमेस के शेयर निकालती है तो उसे 263 करोड़ रुपए मिल जाएंगे, जबकि उसका मूल निवेश मात्र 2.15 करोड़ रुपए का है। अगर कंपनी अपने निवेश को नहीं भी बेचती तो उसका मूल्य तो बढ़ता ही जाएगा।
कुछ ऐसी ही गणनाओं के आधार पर 7 अप्रैल को आनंद राठी रिटेल रिसर्च ने साल भर के भीतर भारत बिजली के शेयर के 1350 रुपए पर पहुंचने का अनुमान लगाया है। उस दिन यह शेयर 1035.50 रुपए पर था। 11 अप्रैल को 1105 रुपए पर पहुंच गया। इस तरह मात्र तीन कारोबारी सत्रों में यह 6.7 फीसदी बढ़ चुका है। लेकिन अब भी उसमें 22 फीसदी से ज्यादा बढ़ने की गुंजाइश बाकी है।
कंपनी ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाने की परियोजना पर भी काम कर रही है। बता दें कि उसकी बिक्री का 72 फीसदी हिस्सा ट्रांसफॉर्मर से, 23 फीसदी मोटरों से और बाकी 5 फीसदी अन्य उत्पादों से आता है। कंपनी ने 2009-10 में 656.01 करोड़ रुपए की आय पर 41.22 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था। इस साल दिसंबर 2010 की तिमाही में उसने 207.21 करोड़ की आय पर 14.18 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हासिल किया है और साल भर पहले की तुलना में उसकी आय में 28.24 फीसदी व शुद्ध लाभ में 91.62 फीसदी का शानदार इजाफा हुआ है। 2010-11 में उसकी आय 765.1 करोड़ व शुद्ध लाभ 53.6 करोड़ और चालू वित्त वर्ष 2011-12 में 879.8 करोड़ की आय पर 61.6 करोड़ रुपए के शुद्ध लाभ का अनुमान है।
कंपनी के पास 218.50 करोड़ रुपए के रिजर्व हैं। उसकी इक्विटी मात्र 5.65 करोड़ रुपए है। इसलिए माना जा रहा है कि वह अगली सालाना आमसभा (एजीएम) से पहले बोनस शेयर की घोषणा कर सकती है। साथ ही शेयरों को स्प्लिट करने की भी चर्चा है। हालांकि इससे तत्काल खास फर्क नहीं पड़ता क्योंकि शेयर के भाव उसी अनुपात में कम हो जाते हैं। कंपनी की इक्विटी में पब्लिक का हिस्सा 64.27 फीसदी और प्रवर्तकों का हिस्सा 35.73 फीसदी है। एफआईआई के पास उसके 0.49 फीसदी और डीआईआई के पास 25.12 फीसदी शेयर हैं। कंपनी के कुल शेयरधारकों की संख्या 22,563 है। एलआईसी व जीआईसी उसके सबसे बड़े निवेशक हैं जिनके पास उसके क्रमशः 9.02 फीसदी व 3.06 फीसदी शेयर हैं।
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पारस जी, मैं शेयरों को इस तरह ट्रैक नहीं करता। हां, सीएनआई रिसर्च ने बी एफ यूटिलिटीज में 1040 रुपए का लक्ष्य रखा है। उन्होंने इसमें 8 अप्रैल को 868 रुपए पर खरीद की कॉल दी थी। साथ में 850 का स्टॉप लगाने को भी कहा था। फिलहाल यह गिरकर 835 पर आ चुका है। यह असल में घाटे में चल रही कंपनी है। मैं तो इसे हाथ भी नहीं लगाऊंगा। लेना ही होगा तो मै एनएसपीसी ले लूंगा जो अभी 15.2 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। लेकिन आपने जोखिम उठाया है तो थोड़ा देखभाल कर ही उठाया होगा।