काहे का बाजार, कैसी मूल्य-प्रणाली!

एक फिर हमारी नजर तमाम बहुराष्ट्रीय ब्रोकिंग फर्मों से तेज व पारखी साबित हुई है। हमने बाजार से आगे निकलकर सबसे पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) में खरीद की कॉल पेश की और बेचकर बाजार से पहले ही मुनाफा भी कमा लिया। हमें साफ-साफ लग गया कि आरआईएल के नतीजे उम्मीद से कमतर थे। इसलिए इसमें मुनाफावसूली होनी ही थी। हालांकि बहुत से लोग ने इसे मानने को राजी नहीं थे।

रिलायंस का स्टॉक आज करीब 4 फीसदी गिर गया। लेकिन हमें तो यह 3 से 4 फीसदी देकर ही गया है। अब यह गिरकर 780 या 790 रुपए तक जा सकता है जहां हम इसे दोबारा खरीदने की सोचेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि तमाम ट्रेडर बेहतर नतीजों की अपेक्षा में इसको लेकर लांग हो गए थे और अब कैश सेटलमेंट के चलते उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। डिश टीवी कैश सेटलमेंट का एक और शिकार है क्योंकि केबल सेवाओं के डिजिटलीकरण की खबर के बाद बहुत सारे लोग इसमें 83 रुपए पर लांग हो गए थे।

दूसरी तरफ इनफोसिस, मारुति सुजुकी और टाटा मोटर्स जैसे स्टॉक्स में ट्रेडर लोग शॉर्ट के फंदे में फंस गए हैं। कैश सेटलमेंट के चलते इन तीनों स्टॉक्स में सेटलमेंट के दिन और बढ़त देखी जा सकती है। आज टाटा मोटर्स 4.28 फीसदी, मारुति सुजुकी 2.31 फीसदी और इनफोसिस 0.38 फीसदी बढ़ा है।

अगले कुछ दिन सेटलमेंट के प्रभाव में बीतेंगे। अगले हफ्ते दो दिन की छुट्टियां हैं। इसलिए रोलओवर के लिए कुल मिलाकर 6 दिन ही बचे हैं। रोलओवर की व्यवस्था तकलीफदेह है और इसके सबसे बड़े शिकार रिटेल निवेशक होते हैं। मगर, एफआईआई इस पसंद करते हैं क्योंकि इसकी वजह से जितना ज्यादा उतार-चढ़ाव आता है, उसमें वे उतनी ज्यादा चांदी काटते हैं। इस अर्थ में हम कह सकते हैं कि भारत में बाजार आधारित मूल्य प्रणाली एकदम नदारद है। यहां केवल ताकत ही मूल्य का फैसला करती है, चाहे यह ताकत एफआईआई की हो या बड़े ऑपरेटरो की।

निफ्टी आज खुला तो 5160.20 पर। लेकिन 5170 का स्तर पार नहीं कर सका। अगर ऐसा होता तो 5330 तक जाने की उसकी डगर खुल जाती है। लेकिन वह 5118.25 पर डटा है। इस तरह वह 5080 से ऊपर है। इसके नीचे जाने पर उसके 4975 तक गिरने का अंदेशा था। इस बीच मेरी यही सलाह है कि हर गिरावट पर जेट एयरवेज को खरीदते रहें और हमारी नजर व नजरिए पर भरोसा रखें। वहीं, जिंदल स्टील एंड पावर को हर बढ़त पर बेचते रहें। जेट एयरवेज आज 2.94 फीसदी और जिंदल स्टील एंड पावर 0.74 फीसदी गिरकर बंद हुए हैं।

जब तक आप खुद न मानें तब तक कोई भी आप में हीनता का भाव नहीं भर सकता है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का पेड-कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)

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