म्यूचुअल फंडों की अमीरी और अमीरों तक पहुंच बढ़ी, दूर हुए आम निवेशक

म्यूचुअल फंड मूलतः शेयर बाज़ार तक आम/रिटेल निवेशकों की पहुंच बनाने के लिए बने हैं। लेकिन अपने यहां रिटेल निवेशक लगातार उनसे दूर होते जा रहे हैं। कमाल की बात यह है कि दूसरी तरफ म्यूचुअल फंडों की आस्तियां बढ़ती जा रही हैं जिससे उनके फंड मैनेजरों का वेतन भी बढ़ रहा है। आस्तियों या एयूएम के बढ़ने की खास वजह है कि कंपनियों और अमीर लोगों के लिए म्युचुअल फंडों की ऋण स्कीमें ब्याज कमाने का अच्छा और लाभप्रद जरिया बन गई हैं।

म्यूचुअल फंडों के संघ, एम्फी (एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक जून 2013 की तिमाही में देश में सक्रिय 44 म्यूचुअल फंडों का एयूएम (एसेट अंडर मैनेजमेंट) 8.47 लाख करोड़ रुपए हो गया है। यह मार्च 2013 तिमाही के एयूएम 8.17 लाख करोड़ रुपए से 30,000 करोड़ रुपए या 3.68 फीसदी ज्यादा है। यह भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग की आस्तियों में लगातार पांचवी तिमाही में हुई बढ़त है। लेकिन खास बात यह है कि इस तरह आस्तियों के बढ़ने में सबसे बड़ा योगदान म्यूचुअल फंडों की ऋण स्कीमों का है जिनमें कंपनियां या एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल) ही अपना धन सुरक्षित रखकर ब्याज कमाते हैं।

पिछली आठ तिमाहियों से म्यूचुअल फंडों की लांग टर्म ऋण स्कीमों में धन का आगम बराबर बढ़ रहा है। असल में ब्याज दरें घटने की आशंका में लोग पुराने बांडों में निवेश बढ़ा रहे हैं। जून तिमाही में इस तरह की ऋण स्कीमों का एयूएम 26,500 करोड़ रुपए या 31 फीसदी बढ़कर 1.12 लाख करोड़ रुपए हो गया। यह सितंबर 2010 में, जब से एम्फी ने एयूएम के आंकडे घोषित करने शुरू किए, तब से किसी भी तिमाही में हुई सबसे बड़ी वृद्धि है। ऐसी ऋण स्कीमों का एयूएम पहली बार एक लाख करोड़ रुपए के पार गया है।

सरकारी बांडों से जुड़ी स्कीमों में भी इस दौरान निवेश 10 फीसदी या 800 करोड़ रुपए बढ़कर 8600 करोड़ रुपए हो गया। वहीं चंद दिनों की मनी मार्केट स्कीमों में जून तिमाही में लगा धन 5600 करोड़ रुपए बढ़कर 1.05 लाख करोड़ रुपए हो गया। मार्च तिमाही में ऐसी स्कीमों के एयूएम में 13,100 करोड़ रुपए की कमी आई थी। शॉर्ट टर्म या कुछ महीनों की ऋण स्कीमों का एयूएम जून तिमाही में 11,500 करोड़ रुपए बढ़कर 72,800 करोड़ रुपए हो गया, जबकि मार्च तिमाही में यह 2200 करोड़ रुपए बढ़ा था।

लेकिन सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि म्यूचुअल फंडों की इक्विटी स्कीमों का एयूएम बराबर घटता जा रहा है। जून तिमाही में यह 5 फीसदी या 10,000 करोड़ रुपए घटकर 1.99 लाख करोड़ रुपए पर आ गया। लगातार छह तिमाहियों से इक्विटी स्कीमों का एयूएम घट रहा है। इसका सबसे बडा कारण यह है कि निफ्टी
और सेंसेक्स के बढ़ने के बावजूद ज्यादातर इक्विटी स्कीमें निवेशकों का घाटा करा रही है। इधर पिछले दो साल से आम निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ में भी धन लगाना शुरू किया था। लेकिन जून तिमाही में इन स्कीमों का एयूएम भी 11 फीसदी या 1300 करोड़ रुपए घटकर 10,600 करोड़ रुपए पर आ गया।

देश में सक्रिय 44 म्यूचुअल फंडों में से 24 का एयूएम जून तिमाही में बढ़ा है। सबसे ज्यादा 6100 करोड़ रुपए की बढ़त आईडीएफसी म्यूचुअल फंड ने हासिल की है। आस्तियों के लिहाज से इस वक्त एचडीएफसी म्यूचुअल फंड सबसे ऊपर है। इसका कुल एयूएम 1.05 लाख करोड़ रुपए का है। इसके बाद 97,771 करोड़ रुपए की आस्तियों के साथ रिलायंस म्यूचुअल फंड दूसरे नंबर पर है। इसके बाद क्रम से आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, बिड़ला सनलाइफ, यूटीआई म्यूचुअल फंड और एसबीआई म्यूचुअल फंड का नंबर आता है।

जून 2013 की तिमाही में म्यूचुअल फंडों का औसत एयूएम (अरब रुपए में)

Mutual Fund

Avg AUM
Apr-Jun 2013

Avg AUM
Jan-Mar 2013

Change Rs bn

% Change

HDFC Mutual Fund

1050

1017

33

3.20

Reliance Mutual Fund

978

946

32

3.37

ICICI Prudential Mutual Fund

917

878

39

4.39

Birla Sun Life Mutual Fund

798

770

27

3.52

UTI Mutual Fund

747

695

53

7.57

SBI Mutual Fund

592

549

43

7.75

Franklin Templeton Mutual Fund

417

416

2

0.38

IDFC Mutual Fund

389

329

61

18.40

Kotak Mahindra Mutual Fund

372

354

18

5.21

DSP BlackRock Mutual Fund

330

323

7

2.16

स्रोत: AMFI

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