यूं तो आज, 1 नवंबर 2024 को दिवाली के लक्ष्मी पूजन के मौके पर शेयर बाज़ार में सामान्य अवकाश है। लेकिन शाम को 6 से 7 बजे तक मुहूर्त ट्रेडिंग ज़रूर होगी। इसमें भी 5.45 बजे से 6 बजे तक प्री-ओपन सत्र होगा। बता दें कि मुहूर्त ट्रेडिंग से ही विक्रम सम्वत 2081 की शुरुआत होगी। मुहूर्त ट्रेडिंग शेयर बाज़ार में लम्बी परम्परा का हिस्सा है और इसका निर्वाह हर साल पूरे श्रद्धाभाव से किया जाता है। विक्रम सम्पत को वैसे तो सारे ट्रेडर मानते हैं। लेकिन अपने शेयर बाज़ार में ऊपर से नीचे तक भरे हुए गुजराती निवेशकों व ट्रेडरों में इसकी खास मान्यता है। वे थोड़ी-बहुत ट्रेडिंग करते ही हैं। साथ ही अब तो देशी संस्थाओं (डीआईआई) से लेकर विदेशी संस्थाएं (एफआईआई) तक मुहूर्त ट्रेडिंग में भाग लेती हैं।…
हालांकि यह अवसर होता है कि देश में चल रहे निवेश के माहौल की थाह लेने का। हम भारतीय सदियों के सोने के दीवाने हैं और आज भी यह दीवानगी कायम है। झुग्गी में रहनेवाली मां भी अपनी बेटी के लिए चार-पांच तोले का इंतज़ाम तो करके ही रखती है। प्रति दस ग्राम 24 कैरेट सोने का भाव साल भर में 60,100 रुपए से 36.06% बढ़कर 81,775 रुपए हो गया है। फिर भी सोने की मांग कम नहीं हो रही। भारत इस समय साल भर में खनिजों से एक किलो सोना भी नहीं निकालता। देश में सोना आयात ही करना पड़ता है जिस पर विदेशी मुद्रा जाया होती है। फिर भी सरकार सोने को बढ़ावा देती जा रही है। इस बार 23 जुलाई को बजट में सरकार ने सोने पर कस्टम ड्यूटी 15% से घटाकर 6% कर दी। इसके बाद जुलाई से सितंबर तक की तिमाही में देश में सोने की मांग 18% बढ़कर 248.30 टन हो गई। ऊपर से रिजर्व बैंक ने भी सितंबर तक की छमाही में 32.63 टन सोना खरीदा है। अभी उसके पास 854.73 टन सोना है। हालांकि स्वर्ण के सरकारी भंडार के मामले में भारत दुनिया में आठवें नंबर पर है। सबसे ऊपर 8133.46 टन के साथ अमेरिका है। उसके बाद जर्मनी, इटली, फ्रांस, रूस, चीन व जापान का नंबर है। उसके बाद भारत का नंबर आता है।
आम लोगों की बात करें तो रिजर्व बैंक के ही आंकड़ों के मुताबिक, उनके लिए घर खर्च निकालना मुश्किल होता जा रहा है और पिछले कुछ सालों में घरों पर कर्ज बढ़ता जा रहा है। फिर भी शेयर बाज़ार में निवेश के लिए डीमैट खाते बढ़ते-बढ़ते 17.50 करोड़ तक जा पहुंचे हैं। लोगबाग कमाने के लिए व्यग्र हैं, बेचैन हैं। हालांकि पूंजी बाज़ार नियामक संस्था, सेबी के मुताबिक शेयर बाज़ार में 70% इंट्रा-डे ट्रेडर घाटा खा रहे हैं और फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में तो 90% ट्रेडर अपनी पूंजी गंवा बैठते हैं। फिर भी संयत बनाने के बजाय हर तरफ से उन्हें लुभाने का सरंजाम चलाया जा रहा है। इसमें बिजनेस अखबारों से लेकर चैनल, सोशनल मीडिया प्लेटफॉर्म व ब्रोकर, सब-ब्रोकर और स्टॉक एक्सचेंज तक शामिल हैं।
हर साल दिवाली पूजन के बाद होनेवाली मुहूर्त ट्रेडिंग भी भोले-भाले निवेशकों को लुभाने का मौका पेश करती है तो कोई नहीं चूकता। कोई नहीं समझता कि दिवाली के मौके पर अपने यहां हर अच्छा-बुरा पेशा अपनाने वाला अपना धंधा जताता है। चोर तक इस रात चोरी का शगुन करते हैं और जुआरी जुआ खेलते हैं। इसी तरह स्टॉक एक्सचेंज और ब्रोकर वगैरह भी इस शाम को अपना धंधा जगाते हैं। इसमें आम निवेशकों व ट्रेडरों को पड़ने या शगुन जगाने की कोई ज़रूरत नहीं। उन्हें तो छुट्टी खराब करने के बजाय घर-परिवार के साथ खुशी मनानी चाहिए। फिर भी वे झांसे के जाल में फंस ही जाते हैं। झांसा होता ही इतना तगड़ा है।
जैसे, इस बार देश के सबसे प्रमुख और पुराने बिजनेस अखबार इकनॉमिक टाइम्स ने मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए छह साल स्टॉक्स सुझाएं है। उसका कहना है कि साल भर में जेएसडब्ल्यू एनर्जी 23%, वेलस्पन कॉर्प 23%, मैनकाइंड फार्मा 23%, फेडरल बैंक 24%, कल्याण ज्वेलर्स 25% और सीडीएलएल 26% बढ़ सकता है। उसे विस्तार से बताना चाहिए था कि इन छह कंपनियों के शेयर क्यों बढ़ सकते हैं। उससे पास संसाधनों की कोई कमी नहीं। चाहता तो अपनी पूरी रिसर्च टीम इसमें लगा सकता था। लेकिन उसका मकसद निवेशकों को भला करना या उन्हें दिशा देना नहीं, बल्कि मौके व उनकी लालच का फायदा उठाना है।
इधर, पिछले पांच हफ्तों से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के बराबर निकलते रहने से जिस तरह तमाम अच्छी कंपनियों के शेयर लुढ़के हैं, उसमें इकनॉमिक टाइम्स जैसा प्रतिष्ठित अखबार मार्केटिंग के बजाय दो-चार अच्छी कंपनियां मुहूर्त पर निवेश के शगुन के लिए पेश कर सकता था। लेकिन उसे तो धंधा जगाना है, निवेशकों का भला नहीं। हम यूं ही बताते चलें कि इस समय एशियन पेंट्स, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, बजाज ऑटो, सिप्ला, ओएनजीसी, टाटा स्टील, एसबीआई लाइफ, कोल इंडिया, बीपीसीएल और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे कई स्टॉक्स हैं जिनमें अंदर का भरपूर दम है और कुछ महीने या साल भर में अच्छा-खासा रिटर्न दे सकते हैं। निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रिसर्च करके फैसला लेना चाहिए। फिर बाज़ार की गति के साथ तो अच्छे स्टॉक्स बढ़ते ही रहे हैं।
पिछले साल निफ्टी-50 सूचकांक मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन 19525.55 पर बंद हुआ था। तब से इस साल मुहूर्त ट्रेडिंग के एक दिन पहले तक 23.97% बढ़कर 24,205.35 पर बंद हुआ है। ठीकठाक व मजबूत स्टॉक्स बाजार की गति के साथ या ज्यादा रफ्तार से बढ़ते रहे हैं। मसलन, मुहूर्त के अगले दिन 13 नवंबर 2023 को हमने ट्रेडिंग के लिए विप्रो को चुना था। तब उसके शेयर का भाव 382 रुपए था। अभी 31 अक्टूबर 2024 तक 44.50% बढ़कर 552 रुपए पर बंद हुआ है। उसके अगले दिन 14 नवंबर 2023 को बाज़ार बलि प्रतिप्रदा के अवसर पर बंद था। अगले दिन 15 नवंबर 2023 को ट्रेडिंग के लिए चुने गए हमारे चार स्टॉक्स थे – हिंदुस्तान कॉपर (तब का भाव 160 रुपए), आईडीबीआई बैंक (तब का भाव 66 रुपए), हिंडाल्को इंडस्ट्रीज़ (तब का भाव 488 रुपए) और बैंक ऑफ बड़ौदा (तब का भाव 197 रुपए)। अब तक ये स्टॉक्स क्रमशः 83.75%, 27.27%, 40.57% और 27.92% बढ़ चुके हैं।
इसी तरह दीपावली के दो दिन बाद रविवार, 12 नवंबर 2023 को हमने तथास्तु में डब्लूपीआईएल में निवेश को कहा था। उसी दिन शाम को दिवाली की मुहूर्त ट्रेडिंग भी थी। तब उसका दस रुपए अंकित मूल्य का शेयर 3128 की रेंज में था। हमने 2935 रुपए पर निवेश को वाजिब माना था और तीन साल में करीब 65% बढ़कर 4836 रुपए तक पहुंचने का लक्ष्य था। यह शेयर 30 नवंबर 2023 तक घटकर निवेश की वाजिब रेंज में आ गया। उसके बाद इस साल 12 जुलाई 2024 को दस रुपए अंकित मूल्य का शेयर एक रुपए अंकित मूल्य के दस शेयरों में बदल दिया गया तो हमारा निवेश मूल्य करीब 300 रुपए और तीन साल का लक्ष्य 484 रुपए हो गया। हकीकत में वो शेयर उस दीपावली से इस दीपावली तक एक साल में ही 83% से ज्यादा बढ़कर 550 रुपए के पार जा चुका है। कहने का मतलब यह है कि मुहूर्त ट्रेडिंग के नाम पर किसी के भी तरफ से दिखाई जा रही शान-पट्टी में न फंसें। अनुशासन व समझदारी से निवेश करें। यकीनन लाभ मिलेगा।
अब थोड़ी चर्चा आज की मुहूर्त ट्रेडिंग के पहले बाजार की दशा-दिशा की। कल अगले 30 दिनों में बाज़ार के गिरने की आशंका या घबराहट का सूचकांक, इंडिया वीआईएस 0.35% और बढ़कर 15.55 पर बंद हुआ। डेरिवेटिव सेगमेंट में कुल मार्केट वाइड पोजिशन लिमिट (MWPL) या ट्रेडरों की रिस्क लेने की तैयारी थोड़ी और बढ़कर 21.56% हो गई। जानकारों का कहना है कि मुहूर्त की ट्रेडिंग में माहौल शगुन व खरीदारी का रहेगा। ऐसे में निफ्टी व सेंसेक्स बढ़ सकते हैं।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने कैश सेगमेंट में कल 5813.30 करोड़ रुपए की शुद्ध बिकवाली की, जबकि देशी संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 3514.59 करोड़ रुपए की शुद्ध खरीद की। वहीं, एनएसई के डेरिवेटिव सेगमेंट में एफआईआई ने अक्टूबर माह के डेरिवेटिल सौदों की एक्सपायरी के दिन 69,926.68 करोड़ रुपए की शुद्ध खरीद की। इसमें इंडेक्स फ्यूचर्स में 1989.46 करोड़ रुपए की शुद्ध बिकवाली, इंडेक्स ऑप्शंस में 69,638.80 करोड़ रुपए व स्टॉक फ्यूचर्स में 355.75 करोड़ रुपए की शुद्ध खरीद और स्टॉक ऑप्शंस में 5278.41 करोड़ रुपए की शुद्ध बिकवाली शामिल है।
मुहूर्त पर निफ्टी की दशा–दिशा ↑
पिछला बंद |
कल का उच्चतम |
कल का न्यूनतम |
कल का बंद |
संभावित दायरा |
24340.85 | 24372.45 | 24172.60 | 24205.35 |
24215-24335 |
डिस्क्लेमर: शेयर बाजार के निवेश, खासकर ट्रेडिंग में बहुत ज्यादा रिस्क है। इसलिए ट्रेडिंग या निवेश का फैसला काफी सोच-विचार व रिसर्च के बाद ही करें। हम आपके निवेश या ट्रेड के लिए किसी भी रूप में ज़िम्मेदार नहीं होंगे।