नोट करने की बात है कि म्यूचुअल फंड की एसआईपी में छोटे शहरों के निवेशक ज्यादा रफ्तार से बढ़ रहे हैं। वे दस साल पहले तक बैंक खातों में जो रिकरिंग डिपॉजिट किया करते थे, उसकी जगह म्यूचुअल फंड की एसआईपी ने ले ली है। 2013-14 में पूरे साल में एसआईपी से 14,500 करोड़ रुपए आए थे। अब तो हर महीने 15,000 करोड़ रुपए से ज्यादा आ रहे हैं। यह भी खास बात है कि म्यूचुअल फंड की एसआईपी में आ रहा 95% धन इक्विटी स्कीमों के लिए है। इनमें भी धन का प्रवाह 110 बड़े शहरों के अलग अन्य शहरों से ज्यादा आ रहा है। शायद यही वजह है कि देश में म्यूचुअल फंड खातों या फोलियो की संख्या 15.96 करोड़ हो चुकी है। शेयर बाज़ार में पंजीकृत निवेशकों की संख्या भी 14.91 करोड़ हो चुकी है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 2.88 करोड़ निवेशक हैं। उसके बाद 1.53 करोड़ के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर, 1.43 करोड़ के साथ गुजरात तीसरे नंबर, 87.72 लाख के साथ राजस्थान चौथे, 81.22 लाख के साथ कर्नाटक पांचवें, 76.72 लाख के साथ मध्य प्रदेश छठें नंबर, 68.76 लाख के साथ दिल्ली सातवें और 59.80 लाख के साथ आंध्र प्रदेश आठवें नबर पर है। लेकिन पिछले एक साल में सबसे ज्यादा 57.98% निवेशक मिज़ोरम और 47.15% अरुणाचल में बढ़े हैं। अब बुधवार की बुद्धि…
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