देश के सारे गांवों को साल 2015 तक मोबाइल बैंकों से जोड़ देने की योजना है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के सी चक्रबर्ती के मुताबिक अगले पांच सालों में हर गांववासी को वित्तीय सेवाओं के दायरे में शामिल कर लिया जाएगा। उन्होंने रविवार को वाराणसी में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान यह जानकारी दी।
बता दें कि अभी देश की वयस्क आबादी के केवल 40 फीसदी हिस्से तक बैंकिंग सेवाएं पहुंच सकी हैं। श्री चक्रबर्ती ने बताया कि मोबाइल बैंक एक तरह के वाहन होंगे जिसमें बैंक के अधिकारी निश्चित समय पर गांव में पहुंच जाया करेंगे। बाकी दिन भर गांव वाले किसी शाखा की तरह वहां पैसे निकालने और जमा करने का काम कर सकते हैं।
उनका कहना था कि रिजर्व बैंक ने जिन गांवों में उचित जगह है, वहां बैंक की शाखा खोलने का पूरा खाका बना रखा है। यह भी तय हो रखा है कि जिन भी बसाहटों की आबादी 2000 या इससे ज्यादा है, वहां तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचा दी जाएंगी। इसके लिए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने पहले मार्च 2012 का लक्ष्य घोषित कर रखा था। लेकिन पिछले ही हफ्ते बैंक ऑफ इंडिया के 105वें स्थापना दिवस समारोह में उन्होंने कहा कि बैंकों को यह लक्ष्य मार्च 2011 तक ही पूरा कर लेना चाहिए।