निफ्टी 5740 तक जाने के बाद लगभग 80 अंक नीचे आकर 5660.65 पर गया। इसकी दो वजहें रहीं। एक, मॉरगन स्टैनले ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को डाउनग्रेड कर ओवर-वेट से इक्वल-वेट कर दिया और इसका लक्ष्य 1206 रुपए से घटाकर 956 रुपए कर दिया। नतीजतन, रिलायंस 1.83 फीसदी गिरकर 854.40 रुपए पर आ गया। दूसरी वजह थी – रॉयल्टी व लाभ में हिस्सेदारी वाला नया खनन विधेयक, जिसका संसद में पास हो पाना मुश्किल है। इसमें खनन विधेयक का मसला काफी पुराना है, जबकि रिलायंस का डाउनग्रेड बहुत ही पूर्वाग्रह भरा है और इस स्टॉक के साथ बद से बदतर सूरत की इंतिहा है।
हमने टाटा मोटर्स में 980 रुपए पर इसी तरह का डाउनग्रेड देखा था जब उसमें 920 रुपए का लक्ष्य घोषित किया गया था। लेकिन इसके बाद वो बढ़कर 1070 रुपए पर पहुंच गया। अच्छा मानसून, जैगुआर में आई रौनक व त्यौहारी सीजन टाटा मोटर्स की मांग को और बढ़ा देंगे। कच्चे तेल के घटते दामों के चलते सरकार देर-सबेर पेट्रोल-डीजल के मूल्य घटा सकती है जिससे टाटा मोटर्स की चमक और बढ़ जाएगी। अगर इसमें डाउनग्रेड 1300 रुपए के बाजार भाव पर आया होता तो निश्चित रूप से मुझे कोई दिक्कत नहीं होती, बल्कि भला ही लगता। लेकिन टाटा मोटर्स का डाउनग्रेड तब हुआ, जब वह पूरे चक्र के निचले पायदान पर था जिसे कहीं से भी संतुलित आंकलन नहीं कहा जा सकता।
बिड़ला पैसिफिक मेडस्पा में 20 फीसदी का निचला सर्किट लगने का अंदेशा हमने कल ही जताया था और ऐसा ही हुआ। हां, खुलने पर नहीं, बल्कि करीब 12 बजे ऐसा हुआ। इसमें अभी 20 फीसदी व 10 फीसदी की और गिरावट आएगी क्योंकि यह पहले खरीदकर बाद में निकालने का ऑपरटरों का जाना-पहचाना धंधा है। सेबी और एक्सचेंज से लेकर वित्त मंत्रालय तक के अधिकारी अच्छी तरह जानते हैं कि इस धंधे में रिटेल निवेशकों को जिबह किया जाता है। लेकिन वे कुछ भी करने को तैयार नहीं हैं। नतीजतन, आईपीओ बाजार में ‘आईपीओ डॉन’ के नाम से मशहूर कुछ खास ऑपरेटरों का एकाधिकार बना हुआ है। इनकी हालत वही है कि डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है।
बाजार गिरते-गिरते 5660 तक पहुंच गया। यह अभी और गिरकर 5600 तक जाएगा। इसके बाद तेजी से यू-टर्न लेकर ऊपर उठेगा। मेरा मानना है कि बाजार की मौजूदा अंतर्धारा बहुत तेजी की है। दरअसल, बाजार शॉर्ट सेल करनेवालों को थोड़ी मोहलत दे रहा है ताकि वे अपने सौदे काट सकें। सेंसेक्स के बाहर के स्टॉक्स में सक्रियता इधर काफी तेजी से बढ़ी है। इसलिए मुझे यह भी लगता है कि बी ग्रुप के शेयरों में आनेवाले महीनों में अच्छी-खासी बढ़त दर्ज की जाएगी।
जो लोग जिंदगी के मोह से मुक्त हो जाते हैं, वे लोग ही उसका पूरा आनंद ले पाते हैं।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का फीस-वाला कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)