हमें यकीन नहीं था कि बाजार खुद को ऊपरी स्तर पर टिकाए रख पाएगा, फिर भी हमने शॉर्ट सौदे काटने को क्यों कहा? यह एक बड़ा सवाल है और आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्यों है? तो जवाब है कि बारिश ने भारत की विकासगाथा को धुंधला कर दिया है। राष्ट्रमंडल खेलों की भयंकर खामियों व घपलों ने विदेश में भारत और भारतीय राजनीति की छवि को दागदार बना दिया है। अभी देश के जीडीपी की विकास दर को 9 फीसदी के पार जाने में वक्त लगेगा और बैंकिंग क्षेत्र की संभावित उड़ान अचानक बहुत हद तक थम गई है। यह सब दर्शाता है कि अब करेक्शन आना ही है।
बाजार (सेंसेक्स) 18,000 से कुलांचे मारता 20,000 तक जा पहुंचा, लेकिन इस रैली का दुखद पहलू यह है कि इसका आधार कभी व्यापक नहीं रहा। रिटेल निवेशकों की बाजार में कोई बकत या पूछ नहीं रही। उनकी शॉर्ट और लांग पोजिशन को देखने से पता चलता है कि वे बाजी हार चुके हैं और एक बार फिर 2008 के स्तर पर जा पहुंचे हैं।
हाल-फिलहाल तो सारी लड़ाई मंदडिए ऑपरेटरों व एफआईआई बनाम तेजड़िए ऑपरेटरों व एफआईआई के बीच चल रही है। आपको समझना चाहिए कि इस समय हर तरफ जोड़तोड़ मची है। बाजार नियामक चाहे जो हो जाए, इसे न तो साबित कर सकता है और न ही रोक सकता है। इस माहौल में हमें पता होना चाहिए कि जिन्होंने निफ्टी को 5800 से 6000 के बीच यह मानकर बेचा है कि यह आगे गिरनेवाला है, उनके पास अभी तो होल्ड करने की सामर्थ्य है, लेकिन निफ्टी जैसे ही 6050 के पास जाएगा, वे शॉर्ट कवरिंग करने लगेंगे। यह लक्ष्य बहुत हुआ तो 6290 तक खींचा जा सकता है। निफ्टी का पिछला शिखर 6337 का रहा है।
वैसे, इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि निफ्टी में जितनी भी बिक्री हुई है, उसकी हेजिंग निफ्टी में शामिल उन स्टॉक्स की खरीद से की गई है जो अभी तक कायदे से चले नहीं हैं। पूरा खेल यह रहा है कि केवल उन्हीं स्टॉक्स, जैसे भारती, एसबीआई, बैंक निफ्टी, निफ्टी वगैरह, को खींचकर चढ़ाओ जिनमें हमारे पंटर भाई लोग शॉर्ट है और तमाम उन दूसरे स्टॉक्स को जहां का तहां पड़े रहने दो, जिनमें ट्रेडर लांग हैं यानी बढ़ने की उम्मीद में खरीद कर रखी है। उनके लिए यह चुटकियों का खेल है। पंटर लोग गुरुवार तक अपने सौदे खरीद से काट देंगे। वे अब अगले सेटलमेंट में जाकर अपना गेम बजाएंगे।
अभी तक कोई रोलओवर नही हो रहा है। इसलिए यहां से आगे भारी उतार-चढ़ाव की विकट आशंका है। 5880 से नीचे के संकेत कमजोर और 6000 के ऊपर के संकेत मजबूत! इस वक्त बाजार कैसिनो बना हुआ है और ऐसी आवाजें हर तरफ से सुनाई दे रही हैं।
इस समय जो भी लोग सुरक्षित रहना चाहते हैं, उन्हें कुछ समय के लिए दर्शक बनकर बाजार की चाल-ढाल को देखना-परखना व समझना चाहिए। अगली रैली का आधार व्यापक होगा। उसमें रिटेल निवेशकों को भी शिरकत करने और कमाने का मौका मिलेगा। मिड कैप और स्मॉल कैप शेयर उस रैली के केंद्र में होंगे। इसलिए अधीर न हों, धैर्य बनाए रखें।
जब सोच और सच्चाई का फासला अधिकतम होता है, सबसे अच्छी कीमत उसी वक्त होती है।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)