इसमें कोई शक नहीं कि जब बाजार गिर रहा हो, तब आपको कुछ भी बताना बेकार है। वैसे भी, आप अपनी राय-विचार के लिए मीडिया व टीवी रिपोर्टों पर ही पूरी तरह निर्भर रहेंगे और कभी भी शेयर बाजार में निवेश नहीं करेंगे जबकि वह खुद बांहें पसारे आपको बुला रहा है, सस्ते भावों पर खरीद का मौका दे रहा है।
इसलिए मैं तो आपसे कहूंगा कि इंतजार करो और देखते रहो। हां, जिन्हें मुझ पर भरोसा है, उनसे मैं कहूंगा कि आप अपनी होल्डिंग बनाए रखिए। मेटल, फाइनेंस, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े शेयरों पर दांव लगाना इस समय सबसे अच्छा रहेगा।
मैं जानता हूं कि एक वर्ग है जो मुझे नापसंद करता है और जिसे लगता है कि बाजार उन्हीं की धुन पर नाचता है। अच्छी बात है। इस वर्ग को वही करना चाहिए जिसे करना उसे सुहाता है। अगर उन्हें लगता है कि वे शॉर्ट सौदों से पैसे बना सकते हैं तो बना लें, इसमें क्या बुराई है। मैं तो इतना ही कहूंगा कि तीन महीने बाद आपने क्या पाया, क्या खोया, इसकी समीक्षा जरूर कर लें।
चर्चा है कि रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) द्वारा 26 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी बेचने की घोषणा बस यूं ही की गई है। असल में आरकॉम पहले दो एफसीसीबी (विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड) जारी कर चुकी है। इसमें से एक 100 करोड़ डॉलर का था और दूसरा इससे ज्यादा का। इन्हें करीब 480 रुपए और 600 रुपए के मूल्य पर शेयरों में बदला जाना है। इसी को संभव बनाने के लिए आरकॉम ने 26 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की घोषणा की है। जब तक एफसीसीबी की देनदारियां बची रहेंगी, तब तक कोई नया पार्टनर कंपनी में नहीं आएगा।
फिर भी बाजार में खुशफहमी है। ट्रेडर भी यही चाहते हैं और ऐसी ही बातों पर उछलते-कूदते रहते हैं। मेरी कॉल तो स्थाई किस्म के स्टॉक्स के साथ कायम रहेगी। ऐसे कुछ शेयर हैं सेंचुरी, बॉम्बे डाईंग, आईएफसीआई और आईडीबीआई। मेटल सेक्टर की लपेट से टाटा स्टील में यकीकन गिरावट का दौर चल रहा है और इस क्षेत्र के लिए यह कोई असामान्य बात नहीं है। टाटा स्टील के 1.5 करोड़ शेयर खुद टाटा समूह ने 600 रुपए के भाव पर प्रिफरेंशियल रूट से लिए हैं और वही शेयर हमें इस समय. 450 रुपए के भाव पर मिल रहे हैं। सटोरियों के लिए तो कोई हद नहीं होती, लेकिन निवेशकों के लिए यह सुनहरा मौका है। आप क्या हैं? आप ही तय कर लो…
सफल इंसान वह है जो दूसरों द्वारा अपने पर फेंकी गई ईंटों से ही मजबूत नींव बना डालता है।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है । लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)
no use
Dear Sir, Yes I agree with you. Infact you have revealed the truth.