कैसी चालबाजी चलती है यहां!

भारी ऊंच-नीच और इंट्रा-डे सौदों की मार दिखाती है कि बाजार में मंदी से कमाई करनेवाले मंदड़िये आक्रामक हो गए हैं। हालांकि बाजार पर पूरा नियंत्रण अब भी तेजड़ियों का है और उनकी लय-ताल को तोड़ना कठिन ही नहीं, आत्मघाती भी है क्योंकि हकीकत यह है कि बाजार में रिटेल और एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल) निवेशकों की एंट्री हो चुकी है। नोट करने की बात यह है कि मंदड़ियों के आक्रमण के बावजूद निफ्टी कल से नीचे नहीं गया है।

आज फूड सेक्टर के शेयर स्टार परफॉर्मर रहे और करीब 8 स्टॉक 20 फीसदी के ऊपरी सर्किट तक चले गए। आईडीबीआई बैंक आखिरकार रंगत में आ गया है और सारी बाधाओं को तोड़कर बढ़ने लगा है। एसीसी भी 992 रुपए पर बंद हुआ जो उसके लिए सबसे तगड़ा ब्रेक आउट पैटर्न है। आइडिया भी अब नई रेंज में है। इसके लिए अब 92 रुपए के पिछले शिखर को तोड़ना नामुमकिन नहीं है। देर से ही सही, आखिरकार यह बात सामने आ ही गई कि संयुक्त अरब अमीरात की कंपनी इटिसलाट अब रिलांयस कम्युनिकेशंस में नहीं, बल्कि आइडिया में हिस्सेदारी खरीद रही है। इससे आप समझ सकते हैं कि किसी स्टॉक को गिराने के लिए हमारे बाजार में कितनी चालबाजी चलती है और जिसमें एफआईआई तक शामिल रहते हैं। आइडिया 92 रुपए था। उसे ले जाकर 46 रुपए पर पटक दिया और फिर उठाकर 76 रुपए तक ले आए।

कैश सेगमेंट में विम प्लास्ट और एसएनएल बियरिंग्स स्टार परफॉर्मर रहे। एसएनएल में ब्लॉक डील हुई हैं और कुछ नामी फंडों ने इसके करीब 2 लाख शेयर खरीदे हैं। इसकी वजह आप सब जानते ही हैं। जहां तक विम प्लास्ट की बात है कि एक अमेरिकी निवेशक ने 182 से 245 रुपए तक की गई खरीद से इसके शेयरों का सारा प्रवाह सोख लिया है। उसने कंपनी के 1.5 लाख शेयर खरीदे हैं। उसका लक्ष्य इन्हें 600 रुपए से ज्यादा भाव पर बेचना है। यह स्टॉक किसी भी वक्त वीआईपी से बेहतर है और एक दिन बाजार इसका मूल्यांकन करेगा। इसे आप कितना पचा पाते हैं, यह आप पर निर्भर है।

वोडाफोन अदालत में टैक्स का झगड़ा हार गई। मेरी राय में इससे भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के प्रवाह पर असर नहीं पड़ेगा और न ही इससे टेलिकॉम सेक्टर को कोई झटका लगेगा। सरकार को 200 करोड़ डॉलर मिल जाएंगे और साथ ही उसके लिए टैक्स जुटाने के नए जरिए खुल जाएंगे। यह सब बाजार के लिए अच्छा है। ऑपरेटर इस समय अच्छी और साफ-सुथरी कंपनियों की तलाश में हैं। केमिकल और ऑटो एंसिलरी कंपनियां उनकी ये तलाश पूरी कर सकती हैं।

सत्य के साथ कोई किंतु-परंतु नहीं चलता। ‘अश्वत्थामा हतो नरो व कुंजरो व’ सत्य है। लेकिन ‘नरो व कुंजरो व’ हटा देते ही वह सफेद झूठ बन जाता है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ हैलेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

1 Comment

  1. MAIEN AAJ JINDAL SOUTH WEST KE SHARE AAJ BUY KAR LIYEN HAIN. SIR SE AGARHA HAI KI BATAYEN KI KITNE MAHINE TAK HOLD KAREN.
    YOURS FAITHFULLY
    PARSHURAM PRASAD YADAV
    E-MAIL-parshuram3@yahoo.com

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