लीला मधुसूदन सिक्यूरिटीज की!

मधुसूदन सिक्यूरिटीज केवल बीएसई (कोड – 511000) में लिस्टेड है और फिलहाल ट्रेड टू ट्रेड श्रेणी में होने के नाते टी ग्रुप में पड़ी है, यानी इसमें डे-ट्रेडिंग नहीं, डिलीवरी वाले सौदे ही हो सकते हैं। 4 फरवरी से इस पर 5 फीसदी का ऊपरी सर्किट लगना शुरू हुआ है। तब इसका भाव पिछले दिन के बंद भाव 58.50 रुपए से बढ़कर 61.40 रुपए पर पहुंचा था और इसमें हुआ वोल्यूम 4.88 लाख शेयरों का था। उसके बाद तो हर दिन इसका ग्राफ सर्किट लगने के बाद सीधी क्षैतिक रेखा का हो जाता है। कल 10 फरवरी तक यह 74.30 रुपए पर पहुंच गया। हालांकि इस दौरान इसमें महज 30 से लेकर 2700 शेयरों का कारोबार हुआ है। कल इसमें हुआ कारोबार 1750 शेयरों का था। सुनिए अमित की जुबानी कि मधूसूदन की इस लीला का आधार और ठोस वजह क्या है।

मधसूदन सिक्यूरिटीज प्राइवेट इक्विटी फर्म एक्सेंट कैपिटल (पिछला नाम यूटीआई वेंचर्स) समर्थित अपैरल कंपनी प्राइमस रिटेल प्रा. लिमिटेड से उसका मशूहर ब्रांड ‘वीकेंडर’ 100 करोड़ रुपए में खरीद रही है। इस रकम के एक हिस्से की अदायगी के लिए मधुसूदन सिक्यूरिटीज अपने 61.4 लाख शेयर प्राइमस के शेयरधारकों को जारी करेगी। इस डील के बाद मधुसूदम की बढ़ी हुई इक्विटी में प्राइमस के शेयरधारकों की हिस्सेदारी 80 फीसदी हो जाएगी। यह एक तरीके से अधिग्रहण का सौदा हुआ तो जाहिरा तौर पर कंपनी के बाकी शेयरों के लिए ओपन ऑफर भी लाना होगा।

इस डील ने प्राइमस को अपने ब्रांड को लिस्ट कराने में मदद मिलेगी। पूरे करार से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि, “प्राइमस का यह कदम एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) जुटाने की दिशा में उठाया गया एक कदम है क्योंकि मौजूदा नियम प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों को एफडीआई लेने की इजाजत नहीं देते।” यह साफ नहीं है कि प्राइमस में अभी एक्सेंट कैपिटल की कितनी पूंजी लगी है और इस डील के बाद मधुसूदन सिक्यूरिटीज में उसकी क्या हैसियत होगी। खबरों के अनुसार उसने चार-पांच साल पहले प्राइमस में लगभग 80 लाख डॉलर लगाए थे।

मधुसूदन सिक्यूरिटीज का शेयर अभी 74.30 रुपए पर चल रहा है। इस आधार पर उसका मूल्य या बाजार पूंजीकरण 11 करोड़ रुपए बनता है। इस मूल्य पर अगर वह अपने 61.4 लाख शेयर जारी करती है तो इनकी कीमत 45 करोड़ रुपए बनती है और कंपनी का कुल मूल्य करीब 55 करोड़ रुपए हो जाता है।

बता दें कि वीकेंडर ब्रांड 1980 के दशक के आखिरी सालों में बनाया गया। साल 2007 में प्राइमस रिटेल ने इसे लगभग 95 करोड़ रुपए में खरीद लिया। इसकी वेबसाइट के अनुसार वीकेंडर देश के 40 शहरों में 60 एक्सक्लूसिव स्टोरों और 40 शॉप-इन-शॉप्स में उपलब्ध है। कंपनी की योजना अगले दो सालों में वीकेंडर के बिजनेस को 200 एक्सक्लूसिव स्टोरों और 100 शॉप-इन-शॉप्स तक फैला देने की है। प्राइमस रिटेल का जोर लाइफस्टाइल उत्पादों – स्पोर्ट्स व फैशन परिधानों, एक्सेसरीज व फुटवियर पर है। इसका मुख्यालय बैंगलोर में है और लेवाइस व एडिडास जैसे कुछ अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों की मास्टर फ्रैंचाइजी इसके पास है।

प्राइमस खुद करीब सात साल पुरानी कंपनी है। इस गठन बैंगलोंर की अपैरल निर्यातक फर्म के मोहन एंड कंपनी ने कॉरपोरेट फाइनेंस फर्म इंडु सेज एडवाइजर्स के साथ मिलकर किया था। इसके प्रवर्तकक के मोहन एंड कंपनी के चेयरमैन राजू महताने, कार्वी इनवेस्टर सर्विसेड व कार्वी सिक्यूरिटीज के संस्थापक निदेशक पी सुधीर राव और चार्टर्ड एकाउंटेंट बालाजी भट हैं। पी सुधीर राव अभी इंडुसेज एडवाइजर्स से जुड़े हैं।

मधुसूदन सिक्यूरिटीज का निदेशक बोर्ड 9 फरवरी को अपनी बैठक में प्राइमस रिटेल प्रा. लिमिटेड से वीकेंडर ब्रांड खरीदने के लिए 61 लाख 42 हजार 857 शेयर प्रीमियम पर जारी करने का फैसला कर चुका है। यह भी तय हुआ है कि कंपनी की अधिकृत पूंजी 5 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 15 करोड़ रुपए कर दी जाएगी। उसने अपने कामकाज में अपैरल का धंधा भी शामिल कर लिया है। यह भी तय हुआ है कि कंपनी अपने शेयर एचएनआई, एफआईआई, वित्तीय संस्थाओं व म्यूचुअल फंडों वगैरह को क्यूआईपी या प्रेफरेंशियल आधार या किसी अन्य तरीके से जारी कर सकती है। इन सारे फैसलों पर मुहर लगाने के लिए कंपनी की ईजीएम (असाधारण आमसभा) 15 मार्च 2011 को बुलाई गई है।

बीएसई के मुताबिक मधुसूदन सिक्यूरिटीज में 4 फरवरी को 2.31 लाख शेयरों की दो और 9000 शेयरों को खरीदने को एक बल्क डील हुई हैं। जाहिर है 4 फरवरी को 4.88 शेयरों के वोल्यूम का यही रहस्य है।

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