फिर वही हाल। लेकिन कल का उल्टा। दोपहर तक मामला सुस्त चल रहा था। फिर यूरोपीय बाजार से सकारात्मक रुझान मिला तो हमारा बाजार भी तेजी से बढ़ गया। लगातार चार दिन की बढ़त के बाद सेंसेक्स अब 17503.71 और निफ्टी 5332.40 पर है। सेंसेक्स आज 0.64 फीसदी तो निफ्टी 0.61 फीसदी बढ़ा है। अप्रैल के निफ्टी फ्यूचर्स का आखिरी भाव 5364 रहा है। 5370 से बस छह अंक पीछे। जानकार बताते हैं कि अगर बाजार को तेजी का सुरूर पकड़ना है तो निफ्टी को 5380 के ऊपर बंद होना होगा। उनके मुताबिक बढ़त का रुझान कल भी जारी रहेगा।
बाकी हाल यह है कि ऑटो और फार्मा सेक्टर के बढ़ने का सिलसिला जारी है। बीएसई ऑटो सूचकांक जहां 2.05 फीसदी बढ़ा है, वहीं हेल्थकेयर सूचकांक 1.18 फीसदी। वैसे, सेंसेक्स में सबसे ज्यादा बढ़नेवालों में कोल इंडिया (3.85 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (3.22 फीसदी), मारुति सुज़ुकी (2.92 फीसदी) और हीरो मोटोकॉर्प (2.42 फीसदी) शामिल हैं। वहीं निफ्टी में कोल इंडिया (4.11 फीसदी), मारुति सुज़ुकी (3.49 फीसदी), कोटक महिंद्रा बैंक (3.46 फीसदी), टाटा मोटर्स (3.08 फीसदी) और एचडीएफसी बैंक (2.91 फीसदी) ने परचम संभाले रखा। भेल, हिंडाल्को, एसीसी, गैल इंडिया, विप्रो, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और जयप्रकाश एसोसिएट्स खास गिरावट का शिकार हुए हैं।
लेकिन ऊपर-ऊपर तैरती लहरों को पकड़े तो आईटीसी बाजार का पसंदीदा व हॉट स्टॉक बनता जा रहा है। वही आईटीसी जो बिस्किट से लेकर आटा, साबुन व शैम्पू तक बनाने में उतर चुकी है, लेकिन है मूलतः सिगरेट बनानेवाली कंपनी। इसमें कहने को कोई प्रवर्तक नहीं है। लेकिन अब भी ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको ने इसकी 25.4 फीसदी ले रखी है। यह अलग बात है कि यह इक्विटी दरअसल टोबैको मैन्यूफैक्चरर्स इंडिया लिमिटेड के नाम से है। बहुत सारे फंड मैनेजर मानते हैं कि आईटीसी में सुरक्षा भी है और बढ़ने की भरपूर संभावना भी।
सेंसेक्स में इस हफ्ते ऊपर-नीचे होता हुआ आईटीसी फिर सबसे ज्यादा वजन वाला स्टॉक बन गया है। फ्री फ्लोट बाजार पूंजीकरण के पैमाने पर उसने रिलायंस इंडस्ट्रीज को पीछे कर दिया है। सेंसेक्स में उसका भार 9.11 फीसदी है तो रिलायंस इंडस्ट्रीज का 9.10 फीसदी है। फंड मैनेजरों का मानना है कि जिस तरह से भारत में लोगों की क्रय-शक्ति बढ़ रही है, उसमें आईटीसी आसानी से सिगरेट के दाम बढ़ा लेती है। आईटीसी का शेयर आज 1.12 फीसदी बढ़कर 244.45 रुपए पर बंद हुआ है। इस साल जनवरी से लेकर अब तक वो 23.21 फीसदी बढ़ चुका है।
दूसरी तरफ रिलायंस इंडस्ट्रीज को लेकर निवेशकों का रुझान ठंडा पड़ता जा रहा है। असल में उसके प्राकृतिक गैस उत्पादन और रिफाइनिंग मार्जिन को लेकर संदेह बना हुआ है। रिलायंस आज 1.01 फीसदी गिरकर 741.75 रुपए पर बंद हुआ है। इस साल जनवरी से लेकर आज तक उसमें कुल मिलाकर मात्र 4.92 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है। एम्बिट कैपिटल के एंड्रयू हॉलैंड कहते हैं कि आईटीसी में सुरक्षा है और विकास भी, जबकि बगैर किसी ट्रिगर, सरकारी दखल, गिरते मार्जिन और लाभार्जन की धीमी वृद्धि ने रिलायंस में कोई चमक छोड़ी ही नहीं है। उनका कहना है कि रिलायंस की जगह आईटीसी को साल भर के लिए होल्ड रखने में फायदा है। रिलायंस के चौथी तिमाही व पूरे साल के नतीजे कल आ रहे हैं।
इधर इनफोसिस पिछले पांच सत्रों में 15 फीसदी से ज्यादा की चपत खाने के बाद फिर उठने लगा है। पूरे अप्रैल महीने की बात करें तो वह 16.26 फीसदी गिर चुका है। उसमें मूल्य देखकर अब निवेशकों की खरीद चालू हो गई है। बड़े ही संयत व सधे हुए अंदाज में वह बढ़ने लगा है। आज वो 1.31 फीसदी बढ़कर 2404.15 रुपए पर बंद हुआ है। विदेशी ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए ने इसमें 12 महीने का लक्ष्य 2630 रुपए का रख छोड़ा है। अंत में हमेशा याद रखें कि…
यह दलालों की गली है प्यारे! यहां हर किसी का अपना स्वार्थ और धंधा है। इसलिए सुनो सबकी, करो अपने मन की। खरीदो थोक के भाव पर और रिटेल के दाम पर बेचकर निकल लो।