देश की अर्थव्यवस्था में बढ़ रहे कालेधन के प्रवाह को लेकर चिंतित आयकर विभाग ने स्विटजरलैंड, वर्जिन आइलैंड और बहामास जैसे कर चोरी के पनाहगाह देशों की यात्रा करने वाले लोगों पर पैनी नजर रखनी शुरू कर दी है। विभाग ने अपने खुफिया व जांच अधिकारियों को ऐसे सभी यात्रियों के बारे में पड़ताल करने का निर्देश दिया है जिन्होंने पिछले साल कर चोरी के पनाहगाह बने देशों की यात्रा की और ऐसे दौरों पर हुए खर्च की जानकारी अपनी आयकर रिटर्न में नहीं दी है।
कालेधन का पता लगाने के प्रयासों के तहत आयकर विभाग का यह अभियान काफी मायने रखता है। विभाग के एयर इंटेलिजेंस यूनिट (एआईयू) देश के विभिन्न हवाईअड्डों से ऐसे यात्रियों का पता लगाने के लिए नागर विमानन मंत्रालय के अधिकारियों से संपर्क साध रहा है। इसके अलावा, विभाग ने इस सूचना को कंप्यूटर आधारित कर चोरी रोकने वाले डाटाबेस में डाला है। डाटाबेस की इस प्रणाली को सी-डैक द्वारा विकसित किया गया है।
कर चोरी रोकने के लिए इस व्यापक अभियान में आयकर विभाग ने ऐसे करीब एक हजार लोगों का पता लगाया है जिन्होंने कर चोरी के पनाहगाह बने देशों की यात्रा की। सूत्रों के मुताबिक, विभाग ने जांच में पाया कि ऐसे यात्रियों के ब्यौरे उनकी यात्रा के उद्देश्यों से मेल नहीं खाते हैं। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक इसमें ऐसे-ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने अपनी सालाना आय मात्र एक लाख रुपए दिखाई है।
आयकर विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘कुछ लोगों द्वारा इस तरह के विदेश दौरे शायद कारोबारी सौदे करने के लिए किए गए। वहीं आयकर अधिकारियों को संदेह है कि कुछ लोगों ने ऐसे अन्य लोगों के लिए विदेश यात्रा की जो पर्दे के पीछे रहकर अपना काम कराना चाहते थे।” (प्रेट्र)