देश में भले ही स्विटजरलैड के बैंकों में रखे काले धन को लेकर राजनीतिक माहौल बना दिया गया हो, लेकिन भावना से परे हटकर देखें तो यह रकम बहुत मामूली है। स्विटजरलैंड के केंद्रीय बैंक के मुताबिक उनके देश के बैंकों में रखे गए विदेशी नागरिकों के कुल धन में भारतीयों का हिस्सा महज 0.07 फीसदी है। यह पाकिस्तान से भी कम है।
जैसे अपना केंद्रीय बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक है, वैसे ही स्विटजरलैंड का केंद्रीय बैंक, स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) है। एसएनबी के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2010 के अंत में स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों व कंपनियों की कुल जमा राशि 2.5 अरब डॉलर थी। स्विटजरलैंड के बैंकों के शीर्ष संगठन स्विस बैंकर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता ने कहा कि इसकी तुलना में स्विस बैंकों में कुल विदेशी परिसंपत्ति 2010 के अंत में 3500 अरब डॉलर (2850 अरब स्विस फ्रैंक) थी।
हालांकि भारतीय इकाइयों द्वारा स्विस बैंकों में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से रखी गयी वास्तविक परिसंपत्ति इससे कहीं अधिक हो सकती है। कुछ निजी बैंकों ने यह आंकड़ा 15 से 20 अरब डॉलर होने का अनुमान जताया है। बहरहाल, एसएनबी के आंकड़ों के अनुसार अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, जापान, लक्जमबर्ग और हांगकांग जैसे अन्य देशों के मुकाबले स्विस बैंकों में भारतीयों का धन काफी कम है।
दरअसल भारतीय आंकड़ा रूस, ब्राजील, चीन, तुर्की, यूक्रेन, मेक्सिको, वेनेजुएला, इस्राइल, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशिया, मलयेशिया, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड तथा उज्बेकिस्तान जैसे कई विकासशील देशों से भी कम है। यहां तक कि पाकिस्तान भी इस मामले में भारत से आगे है। पाकिस्तानियों का वहां 194.7 करोड़ स्विस फ्रैंक जमा है जो भारत के मुकाबले 20 लाख स्विस फ्रैंक (लगभग 11 करोड़ रुपए) अधिक है।
स्विस बैंकों में भारतीयों का जमा धन दिसंबर 2010 तक 194.5 करोड़ स्विस फ्रैंक (2.5 अरब डॉलर) था। एसएनबी के प्रवक्ता वाल्टर मियर ने इस राशि का अलग-अलग ब्योरा देते हुए कहा कि भारतीयों ने निजी रूप से और वित्तीय संस्थानों व कंपनियों ने 2.1 अरब डॉलर की राशि बचत व अन्य जमा के रूप में रखी हुई है। शेष 40 करोड़ डॉलर दूसरे के लिए काम कर रहे ट्रस्टों आदि के हैं। उन्होंने कहा कि स्विट्जरलैंड के दो प्रमुख बैंकों – यूबीएस और क्रेडिट सुइस में भारतीयों का सबसे ज्यादा धन जमा है। भारतीयों की कुल 2.1 अरब डॉलर की जमा में से इन दो बैंकों में जमा राशि 1.02 अरब स्विस फ्रेंक (1.5 अरब डॉलर) थी।
पिछले तीन साल में स्विस बैंकों से करीब 50 करोड़ डॉलर की राशि भारतीयों द्वारा बाहर निकाली गई है। कहा जा रहा है कि जिस तरह देश में स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के काले धन की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट से लेकर राजनीतिक हो-हल्ला मचा हुआ है, वैसे में भारतीय अब वहां से अपना धन पश्चिम एशिया, सिंगापुर और मॉरीशस जैसे देशों में ट्रांसफर कर रहे हैं क्योंकि ये देश काले धन के लिए वहां से ज्यादा सुरक्षित माने जाने लगे हैं। इसमें भी सिंगापुर और दुबई भारत के काले धन का प्रमुख जमा केंद्र बनते जा रहे हैं। (एजेंसी)