भारत ने अपने सभी पड़ोसी देशों को 10-10 करोड़ डॉलर का सस्ता कर्ज मुहैया कराने की प्रतिबद्धता जताई है। इन देशों को ये ऋण इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं, यानी सड़क, पेयजल व बिजली वगैरह के लिए दिए जाएंगे।
मंगलवार को माले (मालदीव) में दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र की मंत्री-स्तरीय परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि भारत ने दक्षेस क्षेत्र के लिए नया ‘खरीदार ऋण कवच’ बनाया है।
उन्होंने कहा कि अनिवार्य रूप से यह विकास के लिए कर्ज होगा। हमें यह कर्ज अपने एक्जिम बैंक से लिबोर (लंदन इंटर बैंक ऑफर्ड रेट) दरों पर देने में खुशी होगी। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि दक्षिण एशिया के देशों को कपड़ा, दवा, इंफ्रास्ट्रक्चर, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, वाहन और कृषि क्षेत्र में बाधाओं को तेजी से कम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दक्षेस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और व्यापार, क्षमता से काफी कम है।
शर्मा ने बैठक में वितरित अपने भाषण में दक्षेस के वार्ताकारों से कहा कि वे सेवाओं के व्यापार को खोलने के लिए बातचीत को एक अलग समझौते के तहत पूरा करें। दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र (साफ्टा) जुलाई, 2006 में अस्तित्व में आया है।
साफ्टा के तहत विभिन्न देशों को चरणबद्ध तरीके से अपने व्यापार के उदारीकरण कार्यक्रम को लागू करना है। इसके तहत पाकिस्तान, श्रीलंका और भारत को आपसी आयात की शुल्क दरों को दिसंबर, 2012 तक शून्य से 5 फीसदी पर ले आना है। अन्य देशों के लिए दरों को कम करने की समय-सीमा अलग-अलग है।