सोमवार को निफ्टी 3.25% उछला तो मंगलवार को 5.93% टूट गया। एक्जिट-पोल और हवाबाज़ी से बनाई गई बनावटी तेज़ी अंत में फायदे से कहीं ज्यादा नुकसान करा गई। सोमवार को जो विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) घबराकर शॉर्ट-कवरिग को मज़बूर हुए थे, हो सकता है कि उन्होंने मंगलवार को शॉर्ट-सेलिंग से सारे नुकसान की भरपाई कर ली हो। लेकिन जो रिटेल ट्रेडर व निवेशक हवाबाज़ी में फंस गए, वे अपने नुकसान की भरपाई नहीं कर सकते। इसीलिए कहा जाता है कि ऐसी उथल-पुथल भरी घटनाओं के दिन रिटेल ट्रेडर को बाज़ार से दूर ही रहना चाहिए। हो सकता है कि अगले कुछ दिन सरकार बनने की अनिश्चितता के बीच शेयर बाज़ार और ज्यादा गिर जाए। लेकिन लम्बे समय के निवेशकों को ज़रा-सा भी फ्रिक नहीं करनी चाहिए क्योंकि झाग के नीचे भारत की विकासगाथा का प्रवाह बराबर जारी है और जारी ही रहेगा। इसलिए शेयर बाज़ार का बढ़ना तय है। याद रखें कि मनमोहन सरकार के दस साल में निफ्टी-50 सूचकांक का कुल रिटर्न 268.43% और सालाना चक्रवृद्धि रिटर्न 13.93% रहा है, जबकि मोदी सरकार के दस साल में निफ्टी-50 सूचकांक इससे कम 232.19% बढ़ा है, जिसका सालाना चक्रवृद्धि रिटर्न 12.76% निकलता है। अब बुधवार की बुद्धि…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...