अगले पांच सालों में पर्यटन मंत्रालय अपना ‘हुनर से रोजगार तक’ कार्यक्रम देश के सभी राज्यों तक पहुंचा देगा। केन्द्रीय पर्यटन मंत्री सुबोधकांत सहाय ने बुधवार शाम अपने मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में यह घोषणा की। यह कार्यक्रम अभी तक नौ राज्यों तक पहुंच चुका है।
मंत्री महोदय ने बताया कि शुरू में इस कार्यक्रम के तहत केवल खाद्य उत्पादन और खाद्य व पेय पदार्थों से जुड़ी सेवाओं के लिए प्रशिक्षण दिया जाता था। बाद में गृहसज्जा और बेकरी, ड्राइविंग कौशल, विरासत संरक्षण और प्रस्तर कला जैसे कई हुनर इसमें शामिल किए गए। अब प्रस्ताव किया गया है कि यात्रा और पर्यटन सुविधादाताओं, अतिथि गृह के मालिकों व कामगारों, पार्किंग सहायकों, स्पा थैरेपिस्टों, ब्यूटीशियनों, बेल बॉयज, गोल्फ कैड्डी और होटलों के लिए सुरक्षा कर्मियों जैसे नए क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान किया जाना चाहिए।
श्री सहाय ने कहा कि भारत पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) ने इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशिंग सर्विसेज (आईएल एंड एफएस) के साथ समझौता किया है। आईएल एंड एफएस प्रशिक्षित कर्मियों के प्रशिक्षण के साथ उन्हें रोजगार देने के लिए अनिवार्य संपर्क विकसित करेगा। उन्होंने कहा कि होटल प्रबंधन और खाद्य उत्पाद के नए संस्थानों में बाहरी प्रशिक्षुओं के लिए छात्रावास बनाने का प्रस्ताव है।
बैठक में संसद सदस्यों ने इस कार्यक्रम में और सुधार लाने के लिए तमाम सुझाव दिए। कुछ सदस्यों का कहना था कि पर्यटन मंत्रालय को पर्यटन से संबंधित गतिविधियों के लिए पर्यावरण व वन मंत्रालय के साथ वन संरक्षण अधिनियम में रियायत के मुद्दे को उठाना चाहिए। एक सदस्य ने सुझाव दिया कि पर्यटन मंत्री को ‘हुनर से रोजगार’ तक कार्यक्रम को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न राज्यों की यात्रा करनी चाहिए।